हरी मटर
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रतुआ रोग

हरी मटर में रतुआ रोग को नियंत्रित करने के लिए बुवाई के 42 दिनों के बाद नीचे बताए गए किसी एक कवकनाशी का छिड़काव करें।

पौधे का प्रभावित हिस्सा

पत्तियाँ

प्रारंभिक पहचान:

संक्रमित पौधों की पत्तियां निचली सतह पर कई छोटे, नारंगी-भूरे रंग के पुस्टल प्रदर्शित करती हैं। गंभीर रूप से संक्रमित पत्तियां मुरझा कर पौधे से गिर भी सकती हैं।

लक्षण:

तनों पर बड़े दाने निकलते है जबकि फलियों पर अलग अलग आकार के दाने देखने को मिलते है।

नुकसान का प्रकार:

गंभीर संक्रमण कि स्थिति में बीज का आकार कम हो सकता है और उपज में भी 30% तक की हानि हो सकती है।

रतुआ रोग

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