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वत्सनाभ में हैं कई आयुर्वेदिक गुण, जानें इसके फायदे

वत्सनाभ के पौधों का आयुर्वेद में एक विशेष स्थान है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में इसे मीठा विष के नाम से भी जाना जाता है। वत्सनाभ को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जिनमें मीठा तेलिया, बछनाग, मोहरी, चितिजारी, डाकारा, काठ विष, वत्सनाभि, अतिविषा, अरबी विष, आदि कई नाम शामिल हैं। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम वत्सनाभ की पहचान एवं इसके फायदों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
वत्सनाभ की पहचान
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यह झाड़ियों की तरह नजर आने वाला एक बारहमासी पौधा है।
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पौधों की लम्बाई 2 से 7 फीट तक होती है।
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पौधों में नीले रंग के फूल खिलते हैं।
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पौधों में गोल एवं चिकने फल भी आते हैं।
वत्सनाभ के फायदे
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तेज बुखार होने पर : तेज बुखार होने पर सुबह खाली पेट वत्सनाभ के चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से आराम मिलता है।
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सूजन होने पर : इसके उपयोग से शरीर के अंदर एवं बाहर के सूजन को कम किया जा सकता है। आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार वत्सनाभ की जड़ों से तैयार किए काढ़े के सेवन से हृदय की सूजन, पेट के अंदर की सूजन एवं जोड़ों की सूजन में बहुत आराम मिलता है।
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खांसी होने पर : वत्सनाभ पौधे की तासीर गर्म होती है। इसके सेवन से हमारे शरीर के हानिकारक पदार्थ बाहर निकलते हैं। इसके साथ ही इसके सेवन से खांसी, सांस लेने में कठिनाई, फेफड़ों में दर्द जैसी समस्याएं दूर होती हैं।
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Pramod
Dehaat Expert
3 लाइक्स
17 January 2022
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