विवरण
विभिन्न फसलों में पाउडरी मिल्ड्यू की रोकथाम
लेखक : Somnath Gharami

पाउडरी मिल्ड्यू रोग से मटर, टमाटर, आलू, चना, बैंगन, मसूर, मक्का, भिंडी, प्याज, मूंगफली, खीरा, कद्दू, पत्ता गोभी, करेला, सेम, नींबू, कपास, ज्वार, खरबूजा, गन्ना, सेब, अंगूर, चेरी, आदि कई फसलें प्रभावित होती हैं। यदि आप अपनी फसलों को पाउडरी मिल्ड्यू रोग से बचाना चाहते हैं तो इसके लक्षण एवं बचाव के तरीके यहां से देखें।
रोग का लक्षण
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इस रोग के लक्षण पौधों की पत्तियों एवं तने पर साफ नजर आते हैं।
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रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां एवं तने पर सफेद रंग के चूर्ण उभरने लगते हैं।
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पत्तियां पीली हो कर सड़ने लगती हैं।
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रोग बढ़ने पर पौधों में बीज नहीं बनते हैं।
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यदि पौधों में बीज बन भी गए तो उनका आकार छोटा रह जाता है।
नियंत्रण के तरीके
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इस रोग से बचने के लिए प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कार्बेन्डाज़िम 50 डब्लू.पी से उपचारित करें।
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रोग के लक्षण नजर आने पर प्रति एकड़ जमीन में 10 किलोग्राम गंधक के चूर्ण का छिड़काव करें।
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खड़ी फसल में प्रति लीटर पानी में 2 मिलीलीटर कार्बेन्डाज़िम मिलाकर छिड़काव करें।
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प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम मैंकोज़ेब 72 एम.जेड मिलाकर भी छिड़काव करने से भी इस रोग पर नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।
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आवश्यकता होने पर 10 से 15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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जनवरी में महीने के अंत में किए जाने वाले कृषि कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
इस पोस्ट में बताई गई दवाओं के छिड़काव से आप पाउडरी मिल्ड्यू रोग पर आसानी से नियंत्रण प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी यह जानकारी प्राप्त कर के अपनी फसलों को इस घातक रोग से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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27 January 2021
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