पोस्ट विवरण

टमाटर : पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण

सुने

पछेती झुलसा रोग यानी लेट ब्लाइट एक फफूंद जनित रोग है। यह फफूंद खेत की मिट्टी एवं रोग से ग्रस्त फसलों के अवशेष में लंबे समय तक जीवित रहते हैं। तेजी से फैलने के कारण इस रोग से टमाटर की फसल को भारी क्षति पहुंचती है। यह घातक रोग पौधों की पत्तियों पर किसी भी अवस्था में हो सकता है। जहां से आप पछेती झुलसा रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के उपाय देख सकते हैं।

रोग के लक्षण

  • पत्तियों की निचली सतह पर भूरे बैंगनी या धूसर हरे रंग के धब्बे भरने लगते हैं।

  • धीरे-धीरे यह धब्बे टहनियों और फलों पर भी देखे जा सकते हैं।

  • रोग बढ़ने के साथ धब्बों का रंग भी काला होने लगता है।

  • रोग का प्रकोप अधिक होने पर पौधे सूखने लगते हैं।

नियंत्रण के उपाय

  • रोग से प्रभावित हिस्सों को पौधों से अलग करें। फिर इन्हें जलाकर नष्ट कर दें।

  • प्रति एकड़ खेत में 400 ग्राम मैंकोज़ेब 75 प्रतिशत डब्ल्यू.पी का प्रयोग करें।

  • दूसरा छिड़काव कस्टोडिया (Custodia) का करें। प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करने के लिए 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर कस्टोडिया मिला कर प्रयोग करें। इसमें 11 प्रतिशत अजॉक्सिसट्रोबिन (Azoxystrobin) और 18.3 प्रतिशत टेबुकोनाजोल (Tebuconazole) की मात्रा पाई जाती है।

  • इसके अलावा इससे निजात पाने के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें :

  • टमाटर के पौधों को धब्बेदार उकठा विष्णु रोग से बचाने के उपाय जानने के लिए यहां क्लिक करें।

इस पोस्ट में बताई गई दवाएं पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण के लिए कारगर साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। टमाटर की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

SomnathGharami

Dehaat Expert

46 लाइक्स

20 टिप्पणियाँ

19 November 2020

शेयर करें
banner
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ