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टमाटर : खरपतवारों पर नियंत्रण के सटीक उपाय

उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए पौधों को विभिन्न रोगों एवं कीटों से बचाने के अलावा खरपतवारों पर नियंत्रण करना भी आवश्यक है। खरपतवारों की अधिकता से टमाटर की पैदावार में 30 से 70 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। इसके साथ ही टमाटर की गुणवत्ता पर भी बुरा असर होता है। ऐसे में समय रहते खरपतवारों पर नियंत्रण करना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
खरपतवारों से होने वाले नुकसान
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खरपतवार मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं। जिससे टमाटर के पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाता है और पौधे कमजोर हो जाते हैं।
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खरपतवारों में कीटों एवं फफूंद जनित रोगों के पनपने का खतरा अधिक होता है।
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फसल की गुणवत्ता पर विपतिर प्रभाव होता है।
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पैधों के विकास में बाधा आती है।
टमाटर की फसल में कैसे करें खरपतवारों पर नियंत्रण?
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खरपतवारों को पनपने से रोकने के लिए खेत में पलवार बिछाएं यानी मल्चिंग करें।
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कुछ समय के अंतराल पर खेत में निराई-गुड़ाई करें।
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निराई-गुड़ाई के बाद पौधों की जड़ों के पास मिट्टी चढ़ाएं।
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खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए बुवाई से पहले प्रति एकड़ भूमि में 200 लीटर पानी में 400 मिलीलीटर पेंडीमेथिलीन मिला कर छिड़काव करें।
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टमाटर की अधिक पैदावार देने वाली संकर किस्मों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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Soumya Priyam
Dehaat Expert
15 लाइक्स
1 टिप्पणी
8 October 2021
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