विवरण
टमाटर के पौधों को बचाएं पछेती झुलसा रोग से
लेखक : Soumya Priyam

पछेती झुलसा रोग को लेट ब्लाइट के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग बहुत तेजी से फैलता है। समय रहते इस रोग पर नियंत्रण नहीं किया गया तो 80 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो सकती है। अगर आप कर रहे हैं टमाटर की खेती और दिख रहे हैं इस रोग के लक्षण तो पौधों को इस रोग से बचाने के लिए नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।
पछेती झुलसा रोग का कारण
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यह एक फफूंद जनित रोग है।
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यह फफूंद खेत की मिट्टी एवं फसलों के अवशेष में लंबे समय तक जीवित रहते हैं।
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यह रोग किसी भी अवस्था में हो सकता है।
पछेती झुलसा रोग के लक्षण
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इस रोग से प्रभावित पत्तियों की निचली सतह पर भूरे या बैंगनी रंग के धब्बे नजर आने लगते हैं।
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कुछ समय बाद यह धब्बे टहनियों और फलों पर भी उभरने लगते हैं।
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धीरे-धीरे यह धब्बे काले होने लगते हैं।
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रोग बढ़ने पर पौधे सूखने लगते हैं।
पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण के तरीके
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रोग से प्रभावित हिस्सों को जला कर नष्ट कर दें।
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15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करने से पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण किया जा सकता है।
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प्रति एकड़ खेत में 400 ग्राम मैंकोज़ेब 75 प्रतिशत डब्ल्यू.पी का प्रयोग करें।
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इसके बाद प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर कस्टोडिया मिला कर छिड़काव करें।
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टमाटर के पौधों से फूलों को झड़ने से बचाने के उपाय जानने के लिए यहां क्लिक करें।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं का प्रयोग कर के आप टमाटर के पौधों को पछेती झुलसा रोग से बचा सकते हैं। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी अपनी फसल को इस हालिकारक रोग से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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21 December 2020
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