पोस्ट विवरण
तना छेदक कीट से नष्ट हो रही है बैंगन की फसल

बैंगन की फसल में तना छेदक कीट का प्रकोप सबसे अधिक होता है। समय रहते अगर इस कीट पर नियंत्रण नहीं किया गया तो बैंगन की 30 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो सकती है। तना छेदक कीट से होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।
तना छेदक कीट के प्रकोप का लक्षण
-
व्यस्क कीट पौधों की पत्तियों पर अंडे देती हैं।
-
इस कीट का लार्वा पौधों के कोमल भाग को खाते हैं। जिससे बैंगन की टहनियां सिरे से मुरझाने लगती हैं।
-
फल आने पर यह कीट फलों में भी छेद करते हैं और फलों को अंदर से खा कर फसल को बरबाद कर देते हैं।
-
प्रभावित फलों का आकार टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है।
-
प्रकोप बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है।
तना छेदक कीट पर नियंत्रण के तरीके
-
यदि संभव हो तो कीट के अंडों को एकत्र कर नष्ट कर दें।
-
खेत को खरपतवार से मुक्त रखें।
-
प्रभावित पत्तियां, टहनियां व फलों को तोड़कर खेत के बाहर नष्ट कर दें।
-
कीट को आकर्षित करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 4 से 6 फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
-
प्रति एकड़ खेत में 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें।
-
प्रति एकड़ खेत में 200 से 250 लीटर पानी में 150 मिलीलीटर लेम्ब्डा- साइलोंथ्रिन 4.9 सी.एस मिला कर छिड़काव करें।
-
फूल निकलने के समय 15 लीटर पानी में 7 से 8 मिलीलीटर कोराजेन 18.5 प्रतिशत एस.सी मिला कर छिड़काव करें।
-
पौधों में फलों के आने के बाद कीटनाशकों के प्रयोग से बचें।
-
यदि फलों के आने के बाद कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं तो दवाओं के छिड़काव के 5-6 दिन तक फलों की तुड़ाई न करें।
यह भी पढ़ें :
-
बैंगन की फसल में सफेद मक्खी से बचाव के उपाय जानने के लिए यहां क्लिक करें।
इस पोस्ट में बताई गई दवाएं निश्चित ही तना छेदक कीट पर नियंत्रण में कारगर साबित होंगी। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें। साथ ही इस पोस्ट को अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस कीट पर छुटकारा पा कर बैंगन की अच्छी फसल प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल बेझिझक हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

SomnathGharami
Dehaat Expert
30 लाइक्स
4 टिप्पणियाँ
25 December 2020
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें


फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ