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सूरजमुखी की खेती से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

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कम समय में अधिक मुनाफा के लिए सूरजमुखी की खेती करना एक बेहतर विकल्प है। अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए इसकी खेती जायद मौसम में करें। इसकी बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए कुछ बातों की जानकारी होना आवश्यक है। यदि आप सूरजमुखी की खेती कर रहे हैं या इसकी खेती करना चाहते हैं तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। यहां से आप सूरजमुखी की खेती जुड़ी कुछ प्रमुख बातों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

  • अच्छी फसल के लिए भुरभुरी मिट्टी एवं मिट्टी में उचित मात्रा में नमी होना आवश्यक है।

  • जायद मौसम में कीटों का प्रकोप कम होता है। जिसका सीधा असर फसलों की गुणवत्ता पर होता है।

  • साथ ही इस मौसम में पर्याप्त संख्या में मधुमक्खियां भी मौजूद होती हैं। मधुमक्खियों के द्वारा किए जाने वाले परागण के कारण पैदावार में वृद्धि होती है।

  • बुवाई से पहले 5 से 6 घंटों तक बीज को पानी में भिंगों कर रखें। इससे अंकुरण में आसानी होती है।

  • सूरजमुखी का फूल बड़ा होता है। इसके भार से पौधों के गिरने का खतरा बना रहता है। ऐसे में पौधों को गिरने से बचाने के लिए जमीन की सतह से करीब 10 से 15 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक मिट्टी चढ़ाएं।

  • फूलों के झड़ने के बाद या फूल के पिछले हिस्से पीले होने के बाद इसकी कटाई करें।

  • कटाई के बाद फूलों को छांव में अच्छी तरह सूखा लें। इसके बाद डंडे से पिटाई कर के या सूरजमुखी थ्रेशर के द्वारा बीज निकालें।

  • सभी फूल एक साथ नहीं झड़ते या सभी फूलों का पिछला हिस्सा एक साथ पीला नहीं होता। इसलिए कुछ दिनों के अंतराल पर कटाई करते रहें।

  • बीज निकालने के बाद उसे अच्छी तरह सूखा लें। 8 से 10 प्रतिशत तक नमी रहने पर बीज को भंडारित करें।

  • बीज से 3 महीने के अंदर तेल निकालें। तेल निकालने में अधिक देर होने पर तेल में कड़वाहट आने लगती है।

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Pramod

Dehaat Expert

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24 February 2021

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