विवरण
सरसों की फसल को बचाएं माहू के प्रकोप से
लेखक : Surendra Kumar Chaudhari

देश के लगभग सभी क्षेत्रों में सरसों की फसल में माहू का प्रकोप होता है। यह कीट सरसों की फसल को 50 से 60 प्रतिशत क्षति पहुंचा सकते हैं। माहू कीट से फसल को बचाने के लिए इस कीट की पहचान, इससे होने वाले नुकसान एवं इस पर नियंत्रण की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
माहू की पहचान
-
यह कीट हल्के हरे एवं पीले रंग के होते हैं।
-
माहू की लंबाई 1 से 1.5 मिलीमीटर होती है।
-
यह कीट पत्तियों की निचली सतह और फूलों की टहनियों पर समूह में पाए जाते हैं।
होने वाले नुकसान
-
यह पौधों के विभिन्न भागों का रस चूस कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
-
प्रभावित पौधों में फूल कम निकलते हैं।
-
पौधों में फलियां एवं दाने भी नहीं बनते हैं।
-
पौधों के विकास में बाधा आती है।
नियंत्रण के तरीके
-
प्रति एकड़ खेत में 4 से 6 पीली स्टिकी ट्रैप लगाएं।
-
इसके प्रकोप को कम करने के लिए कीट से प्रभावित पत्तियां, फूल एवं डालियों को तोड़कर नष्ट कर दें।
-
150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिलाकर छिड़काव करने से माहू पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।
-
इसके अलावा प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें :
-
सरसों की फसल में आयरन की कमी के लक्षण की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाओं के प्रयोग से आप माहू कीट पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी यह जानकारी प्राप्त कर के सरसों की बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
50 लाइक्स
5 टिप्पणियाँ
25 January 2021
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
कोई टिप्पणी नहीं है
फसल संबंधित कोई भी सवाल पूछें
विशेषज्ञों से पूछें
घर बैठे मिट्टी के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त करें
इस सेवा का प्रयोग करने हेतु कृपया देहात ऐप डाउनलोड करें
देहात ऐप डाउनलोड करें