विवरण

रबी मक्का की उन्नत खेती

लेखक : Lohit Baisla

मक्के की खेती रबी और खरीफ दोनों मौसम में की जाती है। हमारे देश में अनाजों की पैदावार में मक्के का तीसरा स्थान है। कर्नाटक, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश में इसकी प्रमुखता से खेती की जाती है। यदि आप रबी मक्का की खेती करना चाहते हैं तो यहां से इसकी खेती से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।

बुवाई का समय

  • रबी मक्का की खेती के लिए सितंबर-अक्टूबर का महीना सर्वोत्तम है।

  • इसके अलावा नवंबर के मध्य तक इसकी बुवाई की जा सकती है।

बीज की मात्रा एवं बीज उपचार

  • प्रति एकड़ जमीन में खेती के लिए करीब 8 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • फसल को विभिन्न रोगों से बचाने एवं बेहतर पैदावार के लिए प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम देहात सीड गार्ड से उपचारित करें।

  • बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेंडाजिम या 2 ग्राम कैप्टन से उपचारित करें।

  • इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम से भी उपचारित किया जा सकता है।

मिट्टी

  • रबी मक्का के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।

  • इसके अलावा भारी या रेतीली मिट्टी में भी इसकी खेती की जा सकती है।

  • बेहतर पैदावार के लिए मिट्टी का पी.एच स्तर 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

खेत की तैयारी एवं उर्वरक की मात्रा

  • खरीफ की फसल की कटाई के बाद खेत की 2 बार गहरी जुताई करें। गहरी जुताई के लिए मिट्टी पलटने वाली हल या डिस्क हैरो का प्रयोग कर सकते हैं।

  • इसके बाद 2 बार हल्की जुताई करें।

  • अच्छी फसल के लिए प्रति एकड़ खेत में 3 से 4 टन अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।

  • प्रति एकड़ खेत में 48 किलोग्राम नाइट्रोजन, 24 किलोग्राम फास्फोरस और 16 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।

  • नाइट्रोजन की आधी मात्रा यानि 24 किलोग्राम नाइट्रोजन और फास्फोरस एवं पोटाश की पूरी मात्रा खेत की जुताई के समय मिलाएं।

  • बची हुई आधी नाइट्रोजन का छिड़काव खड़ी फसल में करें।

  • खेत की मिट्टी को भुरभुरी एवं समतल बनाने के लिए जुताई के बाद पाटा अवश्य लगाएं।

  • बीज की बुआई के लिए खेत में क्यारियां तैयार कर लें।

  • क्यारियों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी रखें इन क्यारियों पर 20 सेंटीमीटर की दूरी पर बीज की बुवाई करें।

  • बीज की बुवाई 5 सेंटीमीटर की गहराई में करें।

सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण

  • रबी मक्का में कुल 4 से 5 सिंचाई की आवश्यकता होती है।

  • खेत में नमी की कमी न होने दें एवं जल जमाव की समस्या से बचने के लिए जल निकासी की उचित व्यवस्था करें।

  • खरपतवार पर नियंत्रण के लिए कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करें।

  • निराई-गुड़ाई के समय इस बात का ध्यान रखें कि खरपतवार को काटकर हटाने की जगह जड़ से निकालें।

कटाई एवं पैदावार

  • जब भुट्टे के ऊपर की परतें सूखने लगे तब मक्के की कटाई कर लेनी चाहिए।

मक्के की पैदावार उसकी विभिन्न किस्मों पर निर्भर करता है। आमतौर पर प्रति एकड़ जमीन से 32 से 40 क्विंटल फसल की पैदावार होती है।

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19 September 2020

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