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पशुओं के पेट में कीड़े होने के लक्षण एवं बचाव के उपाय

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पशुओं के पेट में अक्सर कीड़े हो समस्या आती है। जिसे हम आतंरिक परजीवी के नाम से जानते हैं। यह कीड़े पशुओं का भोजन एवं रक्त चूसते हैं। परिणामस्वरूप पशु कमजोर एवं बीमार हो जाते हैं। अगर आप भी पशु पालन करते हैं तो आपके लिए पशुओं के पेट में कीड़े होने के लक्षण एवं बचाव के उपाय की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम इस विषय पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

पशुओं के पेट कीड़े होने का कारण

  • अस्वच्छ एवं संक्रमित भोजन का सेवन करने से पशुओं के पेट में कीड़े पनपने लगते हैं।

पशुओं के पेट कीड़े होने के लक्षण

  • गोबर में दुर्गंध आना

  • गोबर में कीड़े निकलना

  • पशुओं को बार-बार डायरिया होना

  • पशुओं को भूख-प्यास कम लगना

  • दुग्ध उत्पादन में कमी आना

  • पशुओं का पेट फूलना

  • छोटे पशुओं का वजन एवं आकार नहीं बढ़ना

  • पाचन में कठिनाई होना

  • पशुओं के पेट में दर्द होना

पशुओं के पेट कीड़े होने पर क्या करें?

  • वर्ष में कम से कम 2 बार कृमिनाशक दवा (डीवर्मिंग) देना चाहिए।

  • यदि संभव हो तो छटे पशुओं की हर 3 महीने में और व्यस्क पशुओं की हर 4 महीने के अंतराल पर कृमिनाशक दवा (डीवर्मिंग) दें।

  • घरेलु उपचार के तौर पर पशुओं के आहार में नीम के पत्तों को शामिल करें।

  • पशु चिकित्सक की परामर्श के अनुसार पशुओं को कृमिनाशक दवाएं दें।

  • पशुओं को खाली पेट कृमिनाशक दवा देना चाहिए।

  • कृमिनाशक दवा देने के करीब 2 घंटे बाद तक पशुओं को आहार का सेवन न कराएं।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों और पशु पलकों के साथ साझा भी करें। जिससे अधिक से अधिक किसान एवं पशु पालक अपने पशुओं को इस घातक रोग से बचा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें। पशु पालन एवं कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।

Soumya Priyam

Dehaat Expert

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29 July 2021

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