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नर्सरी में मिर्च के पौधों को बचाएं इन घातक रोगों से

छोटे पौधों में विभिन्न रोगों के होने का खतरा अधिक रहता है। मिर्च की नर्सरी में कई बार पौधों की पत्तियां पीली होकर गलने लगती हैं। कई बार पत्तियों पर सफेद दाग भी नजर आते हैं। इसके अलावा छोटे पौधों में डैंपिंग ऑफ रोग के होने की संभावना भी बनी रहती है। इन रोगों के कारण मिर्च की फसल को भारी नुकसान हो सकता है। इन रोगों से बचने के उपाय यहां से देखें।
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यदि नर्सरी में मिर्च की पत्तियां पीली हो कर गल रही हैं या पत्तियों पर सफेद दाग नजर आ रहे हैं तो इस पर नियंत्रण के लिए प्रति लीटर पानी में 1 मिलीलीटर स्टिकर में हेक्साकोनाजोल मिलाकर छिड़काव करें।
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रोग बढ़ने पर प्रति लीटर पानी में 20 ग्राम घुलनशील सल्फर मिलाकर छिड़काव करें।
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आवश्यकता होने पर 10 दिनों के अंतराल पर 2 से 3 बार छिड़काव कर सकते हैं।
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इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि खेत में जल जमाव न हो।
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मिर्च के पौधों को डैंपिंग ऑफ रोग से बचाने के लिए बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
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इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेंडाजिम से भी उपचारित किया जा सकता है।
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इसके बाद प्रति किलोग्राम बीज को 5 ग्राम ट्राइकोडरमा से उपचारित करें।
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मिर्च की फसल के अच्छे विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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Pramod
Dehaat Expert
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6 टिप्पणियाँ
22 January 2021
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