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मूंगफली की खेती के लिए महत्वपूर्ण बातें
मूंगफली की गिनती तिलहन फसलों में की जाती है। इसकी खेती गुजरात, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश , आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों में सबसे ज्यादा की जाती है। मूंगफली की खेती करते समय इन बातों का ध्यान रखेंगे तो इसकी पैदावार अच्छी होगी।
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इसकी खेती के लिए भुरभुरी दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है।
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खेतों में जल निकास का अच्छा प्रबंध होना जरूरी है।
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दीमक और अन्य कीटों से बचने के लिए अंतिम जुताई के समय प्रति हेक्टेयर जमीन के लिए 25 किलो क्विनलफोस 1.5 प्रतिशत मिला देना चाहिए।
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मूंगफली की बुवाई जून - जुलाई महीने में की जाती है।
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कम फैलने वाली किस्मों के लिए क्यारियों के बीच 30 सेंटीमीटर और अधिक फैलने वाली किस्मों के लिए क्यारियों के बीच 45 सेंटीमीटर दूरी रखना चाहिए।
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पौधों से पौधों की दूरी लगभग 15 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
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इसकी फसल में अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।
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पौधों में फूल आते समय हल्की सिंचाई करनी चाहिए।
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खरपतवार पौधों को बढ़ने नहीं देते इसलिए खेतों में खरपतवार पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।
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नीचे की पत्तियां गिरने लगे और पौधों का रंग पीला हो जाए तो कटाई कर लेनी चाहिए।
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इसकी खेती में प्रति हेक्टेयर लगभग 25 से 30 हजार रूपए का खर्च होता है।
Soumya Priyam
Dehaat Expert
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2 September 2020
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