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मिर्च की फसल के अच्छे विकास के लिए क्या करें?

अपने तीखे स्वाद से विभिन्न व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के कारण मिर्च की मांग हमेशा बनी रहती है। ऐसे में मिर्च की खेती करने वाले किसान को मिर्च के पौधों के अच्छे विकास के लिए कुछ उपायों के साथ उर्वरकों का भी प्रयोग करना चाहिए। इस पोस्ट के माध्यम से आप मिर्च की फसल के अच्छे विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
सिंचाई
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मिट्टी में मौजूद नमी एवं वर्षा के अनुसार सिंचाई करनी चाहिए।
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आमतौर पर 10 से 12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई की जाती है।
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पौधों में फूल निकलने के समय सिंचाई करना बेहद जरूरी है। यदि फूल निकलने के समय उचित मात्रा में सिंचाई नहीं की जाए तो फूल सूखने लगते हैं और फलों का आकार भी छोटा रह जाता है।
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इस बात का भी ध्यान रखें कि खेत में जल जमाव की स्थिति न हो।
पोषक तत्व
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खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 10 टन कम्पोस्ट खाद मिलाएं।
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कम्पोस्ट खाद की जगह गोबर की खाद का भी प्रयोग कर सकते हैं।
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इसके अलावा खेत की अंतिम जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 30 किलोग्राम यूरिया, 50 किलोग्राम डीएपी और 35 किलोग्राम एमओपी मिलाएं।
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मृदा जनित रोगों से पौधों को बचाने के लिए प्रति एकड़ खेत में 250 ग्राम रूटगार्ड या 2 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी 1.5 प्रतिशत डबल्यूपी मिलाएं।
खरपतवार
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खरपतवार की अधिकता से पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलता है।
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खरपतवार पर नियंत्रण के लिए 20 से 25 दिनों के अंतराल पर पहली निराई-गुड़ाई करें।
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दूसरी निराई-गुड़ाई करीब 35 से 40 दिनों के अंतराल पर करें।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई बातों पर अमल कर के आप मिर्च की बेहतर फसल प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
Pramod
Dehaat Expert
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7 January 2021
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