विवरण
लीची : मंजर को फफूंद जनित रोगों से बचाने के तरीके
लेखक : Lohit Baisla

लीची के वृक्षों में मंजर आने के समय मंजर एवं फलों का ब्लाइट रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। यह एक फफूंद जनित रोग है। सामान्य तौर पर इस रोग के लक्षण लीफ ब्लाइट यानी पत्तियों का ब्लाइट रोग होने के बाद नजर आता है। इस रोग से प्रभावित लीची की मंजरें बुरी तरह प्रभावित होती हैं। यदि आप लीची की खेती करते हैं तो इस रोग की जानकारी होना आपके लिए बहुत जरूरी है। ऐसे में इस पोस्ट के माध्यम से आप लीची की मंजरों को क्षति पहुंचाने वाले इस रोग के लक्षण एवं नियंत्रण के तरीके यहां से देख सकते हैं।
मंजर एवं फलों के ब्लाइट रोग का कारण
-
यह रोग फफूंदों के द्वारा होता है।
-
वृक्षों की छांव में पड़ी सूखी पत्तियों एवं खरपतवारों पर यह फफूंद तेजी से पनपते हैं।
मंजर एवं फलों के ब्लाइट रोग का लक्षण
-
रोग से प्रभावित मंजरें सिकुड़ने लगती हैं।
-
धीरे-धीरे मंजरें सूखने लगती हैं।
-
छोटे फलों के डंठल गलने लगते हैं एवं फलों का छिलका भी सूखने लगता है।
कैसे करें नियंत्रण?
-
प्रभावित पत्तियों एवं मंजरों को वृक्षों से अलग करें और जला कर नष्ट दें।
-
बागों में नियमित साफ-सफाई करें। सूखे पत्ते एवं खरपतवारों को बाहर निकालें।
-
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मिट्टी में ट्राइकोडर्मा या माइकोराइजा जैसे लाभकारी सूक्ष्म जीवों का प्रयोग करें।
-
पौधों को इस रोग से बचाने के लिए मंजर निकलने के तुरंत बाद 15 लीटर पानी में 30 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।
-
इसके अलावा 15 लीटर पानी में 15 मिलीलीटर एमिस्टार मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।
-
फलों की तुड़ाई से करीब 20 दिन पहले इन दवाओं का दोबारा छिड़काव करें।
यह भी पढ़ें :
-
लीची में तना छेदक कीट की पहचान एवं नियंत्रण के तरीके यहां से देखें।
हमें उम्मीद है पोस्ट में दी गई जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इस जानकारी का लाभ उठा सकें। लीची की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
28 लाइक्स
4 March 2021
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
कोई टिप्पणी नहीं है
फसल संबंधित कोई भी सवाल पूछें
सवाल पूछेंअधिक जानकारी के लिए हमारे कस्टमर केयर को कॉल करें
कृषि सलाह प्राप्त करेंAsk Help