विवरण
लीची की बाग में दिसंबर महीने में किए जाने वाले कार्य
लेखक : Lohit Baisla

आगामी मौसम में उच्च गुणवत्ता की लीची प्राप्त करने के लिए कुछ बातों को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है। अगर आप कर रहे हैं लीची की खेती तो अच्छी पैदावार के लिए यहां से आप दिसंबर महीने में किए जाने वाले विभिन्न कार्यों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
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सिंचाई : बाग में सिंचाई का कार्य बंद कर दें। सिंचाई करने से पौधों की नई पत्तियां निकलने लगेंगे। जिससे मंजर कम आएंगे। फलस्वरूप पैदावार में कमी होगी।
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जिंक सल्फेट का छिड़काव : प्रति लीटर पानी में 2 ग्राम जिंक सल्फेट मिलाकर छिड़काव करें। जिंक सल्फेट के छिड़काव से मादा फूलों की संख्या में वृद्धि होती है। आवश्यकता के अनुसार 45 दिनों के बाद दोबारा छिड़काव कर सकते हैं।
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पोषक तत्व की पूर्ति : पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए बाग की मिट्टी की जांच कराएं। मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों के अनुसार खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करें। उर्वरक प्रयोग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि बाग में नमी की कमी न हो।
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कीटनाशक का प्रयोग : यदि पौधों में पत्ती लपेटक कीट एवं अन्य कीटों का प्रकोप हो रहा है तो इनसे बचने के लिए कीटनाशक का प्रयोग करें।
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लीची के पत्तों को क्षति पहुंचाने वाले कीट पर नियंत्रण की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई बातों को ध्यान में रखकर एवं इन बातों पर अमल करके आप आने वाले मौसम में लीची की बेहतरीन फसल प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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22 December 2020
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