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लहसुन : पत्तियों का पीला होकर सूखना; कारण एवं रोकथाम के उपाय
लेखक : Lohit Baisla

लहसुन में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसके बावजूद लहसुन की फसल में कई तरह के रोग एवं कीटों का प्रकोप होता है। लहसुन की फसल में पत्तियों का पीला होना भी एक आम समस्या है। यह समस्या देश के लगभग सही क्षेत्रों में देखी गई है। यदि आप लहसुन की खेती कर रहे हैं तो यहां से आप इसकी पत्तियों के पीले होने का कारण एवं नियंत्रण के तरीके देख सकते हैं।
पत्तियों के पीले होने का कारण
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नाइट्रोजन की कमी के कारण पत्तियां पीली होने लगती हैं।
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थ्रिप्स कीट पत्तियों से रस चूसते हैं जिससे पत्तियां मुड़ने लगती हैं और उनका रंग भी पीला होने लगता है।
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पत्तियों के पीले होने का एक मुख्य कारण फफूंद लगना भी है।
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जड़ों में कीड़ा लगने से जड़ों का विकास रुक जाता है। फलस्वरूप लहसुन के पौधों की पत्तियां पीली होने लगती हैं।
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अधिक सिंचाई या जल जमाव के कारण भी पत्तियां पीली होने लगती हैं।
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मौसम में परिवर्तन से भी यह समस्या उत्पन्न होती है।
केस करें बचाव
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नाइट्रोजन की मात्रा की पूरी करने के लिए प्रति एकड़ भूमि में 1 किलोग्राम एन.पी.के 19:19:19 का प्रयोग करें। इसके अलावा आप उचित मात्रा में यूरिया का छिड़काव कर के भी नाइट्रोजन की कमी पूरी कर सकते हैं।
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थ्रिप्स पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात हॉक मिला कर छिड़काव करें।
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फफूंद लगने पर 15 लीटर पानी में 25 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।
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यदि जड़ों में कीड़े लग रहे हैं तो नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफॉस 50 प्रतिशत ई.सी. का प्रयोग करें।
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कीटनाशक एवं फफूंद नाशक दवाओं के प्रयोग के समय खेत में पर्याप्त मात्रा में नमी होना आवश्यक है।
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खेत में आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने से बचें।
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लहसुन एवं प्याज के कंद के विकास के लिए किए जाने वाले कार्यों की जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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9 February 2021
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