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लहसुन : फसल हुई 90 दिनों की तो जरूर करें यह काम

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लहसुन की फसल में समय-समय पर कई कार्यों को करने की आवश्यकता होती है। कई बार पोषक तत्वों की कमी के कारन गुणवत्ता में कमी आ जाती है। बात करें लहसुन के कंदों की तो लहसुन की बुवाई के करीब 90 दिनों बाद पौधों में कंद बनने लगते हैं। इस समय पोषक तत्वों की कमी होने पर कंदों का आकार छोटा रह जाता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से लहसुन की 90 दिनों की फसल में किए जाने वाले कार्यों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

लहसुन की  90 दिनों की फसल में किए जाने वाले कार्य

  • खरपतवारों की अधिकता से फसल को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। इसलिए खेत में खरपतवारों पर नियंत्रण करें।

  • इस समय फसल में पोटाश का प्रयोग करें।

  • पोटाश की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ भूमि में एन.पी.के 0:0:50 खाद का प्रयोग करें।

  • प्रति एकड़ खेत में 200 ग्राम बोरोन का भी प्रयोग करें।

  • लहसुन के पौधों का विकास होने पर कई बार कंदों का आकार छोटा रह जाता है। ऐसे में प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का प्रयोग करें। बाजार में यह दवा सिजेंटा की Cultar नाम से उपलब्ध है। प्रति एकड़ भूमि में 150 लीटर पानी में 80 मिलीलीटर Cultar मिला कर छिड़काव करें।

  • लहसुन की फसल में प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर प्रयोग करने से पत्तियों की वृद्धि रुक जाती है और सभी पोषक तत्व कंद में जाने लगते हैं। फलस्वरूप कंदों का आकार बढ़ने लगता है।

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Soumya Priyam

Dehaat Expert

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28 January 2022

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