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कृषि उपज के लिए सरकार ने निर्यात प्रोत्साहन फोरम किए स्थापित
एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड -19 की स्थिति के बीच वैश्विक खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को बनाए रखते हुए, मार्च से जून की अवधि में भारत में कृषि वस्तुओं का निर्यात पिछले वर्ष की इस अवधि की तुलना में 23% बढ़ा है। यह वृद्धि मुख्य रूप से गेहूं, चना, मूंगफली, तेल और अरहर के निर्यात में दर्ज की गई है। वर्ष 2019-20 में, भारत ने 1.47 लाख करोड़ रुपये के आयात के मुकाबले 2.52 लाख करोड़ रुपये के कृषि और संबद्ध उत्पादों का निर्यात किया है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार कोरोना वायरस और लॉकडाउन के इस कठिन समय में भी भारत ने विश्व खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखते हुए निर्यात करना जारी रखा है। मंत्रालय ने एग्री ट्रेड को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजना की शुरुआत की जो एग्री निर्यात को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। मंत्रालय ने अपनी योजना में मौजूदा 'एग्री-क्लस्टर' को मजबूत करने और थोक मात्रा और आपूर्ति की गुणवत्ता को पूरा करने के लिए अधिक उत्पाद-विशिष्ट क्लस्टर बनाने पर जोर दिया है। जिसमे खाद्य तेलों, काजू, फलों और मसालों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण के अनुसार 8 कृषि और संबद्ध उत्पादों के लिए ईपीएफ का गठन किया गया है। इन 8 उत्पादों में अंगूर, आम, केला, प्याज, चावल, मोटे अनाज, अनार और फूल शामिल हैं। प्रत्येक ईपीएफ में संबंधित कमोडिटी के निर्यातक होंगे। इसके सदस्य केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के संबंधित मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले आधिकारिक सदस्यों के साथ होंगे। कृषि मंत्रालय की इस योजना से कृषि व्यापार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही भारत आत्मनिर्भर हो सकेगा।
Pramod
Dehaat Expert
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2 September 2020
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