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कपास में लगने वाले प्रमुख कीट
कपास खरीफ मौसम में खेती की जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है। कपास की खेती से किसानों को बहुत लाभ होता है। लेकिन कुछ कीटों के प्रकोप के कारण फसल की पैदावार में 60-70 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। कपास की फसल को सफेद मक्खी, अमेरीकन सुंडी , चेपा, मीली बग आदि कीटों से बचा कर आप उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त कर सकते हैं।
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सफेद मक्खी : यह मक्खियां पत्तियों की निचली सतह पर रहकर रस चूस कर पौधों कमजोर बना देती हैं। यह मक्खियां पौधों पर चिपचिपा पदार्थ छोड़ती हैं जिससे फफूंद निकलने लगते हैं। इससे बचने के लिए फसल चक्र अपनाएं तथा प्रति एकड़ 2-3 पीले ट्रेप का प्रयोग करे! यदि फसल मे सफेद मक्खी का हमला दिखे तो एसिटामाइप्रिड 40 ग्राम या एसिफेट 75% डबल्यूपी 800 ग्राम 200 लीटर पानी मे या थाइमेथोक्ज़म 40 ग्राम या इमिडाक्लोरपीड़ 40 मिलीलीटर को 200 लीटर पानी मे मिला कर प्रति एकड़ मे छिड़काव करें।
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अमेरिकन सुंडी : इस सुंडी के हमले से कपास में गोल छेद हो जाते हैं। इन छेदों के बाहरी ओर सुंडी का मल दिखाई देता है। अकेला लार्वा 30-40 कपास को नुकसान पहुंचा सकता है। इन हमलों की जांच के लिए रोशनी वाले कार्डों या फेरोमोन कार्ड का प्रयोग करें। कपास की फसल लगातार एक खेत में ना लगाएं , बल्कि बदल बदल कर फसल उगाएं। कपास की बुवाई से पहले , पहली फसल के बचे हुए खरपतवार को अच्छी तरह निकाल दें। पानी का सही मात्रा में प्रयोग करें और नाइट्रोजन खाद का ज्यादा प्रयोग ना करें। इसकी रोकथाम के लिए रोधक किस्में उगाएं अमेरिकन सुंडी की रोकथाम के लिए कुदरती ढंग ना अपनाएं। यदि हमला ज्यादा हो तो उपलब्धता अनुसार साइपरमैथरिन या डैल्टामैथरिन या फैनवेलरेट या लैंबडा साइहैलोथ्रिन में से किसी एक को 1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रभावित फसल पर स्प्रे करें।
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मीली बग : यह कीट पौधों के तने, शाखाओं, पत्तियों का रस चूस कर पौधों को कमजोर बना देती हैं। शुरुआती समय पर नीम के तेल के छिड़काव से इस कीट से निजात पा सकते हैं। यदि इसका हमला गंभीर हो तो प्रोफैनोफोस 500 मि.ली. को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में स्प्रे करें।
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माहू : यह कीट हरे या हल्के पीले रंग का होता है। यह पत्तियों की नीचली सतह का रस चूस कर पौधों को कमजोर बना देते हैं। इससे फसल को बहुत नुकसान होता है। प्रति एकड़ जमीन में 3 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड मिला कर छिड़काव करने से इस कीट से निजात पाया जा सकता है।
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तंबाकू सुंडी : यह सुंडियां झुंड में हमला करती हैं और यह मुख्य तौर पर पत्ते की ऊपरी सतह को अपना शिकार बनाती हैं और पत्ते खाकर इसकी नाड़ियां छोड़ देती हैं। एक एकड़ में 5 पैकेट फेरोमोन ट्रैप लगाएं इन कीड़ों की हाथों से भी जांच करें। इनका लार्वा झुंड में मिलता है , यदि इनका हमला बहुत ज्यादा हो तो क्लोरपाइरीफॉस 20 ई सी 1 लीटर या क्लोरैंटरानीलीपरोल 18.5 प्रतिशत एस सी 50 मिलीलीटर या डाइफलूबैंज़ियूरॉन 25 प्रतिशत डब्ल्यू पी 100-150 ग्राम की स्प्रे प्रति एकड़ में करें। कीटनाशकों की स्प्रे सुबह या शाम के समय ही करनी चाहिए।
Soumya Priyam
Dehaat Expert
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2 September 2020
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