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कपास : बेहतर पैदावार के लिए करें इन उर्वरकों का इस्तेमाल

कपास एक नकदी रेशेवाली फसल है। इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है। कपास की फसल से अच्छी और बेहतर पैदावार लेने के लिए सही देखभाल की आवश्यकता होती है। इसकी फसल में सही समय पर खाद देना बहुत आवश्यक है। किसान इसको लेकर दुविधा में रहते हैं कि फसल में किस समय , कौन सी खाद देनी उचित रहेगी? तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को कपास की फसल में खाद देने का समय एवं मात्रा की जानकरी देंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
कपास की फसल में उर्वरकों की कमी से होने वाले नुकसान
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नाइट्रोजन की कमी से पौधे से पत्तियां झड़ने लगती हैं।
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नाइट्रोजन की कमी से पौधों की बढ़वार रुक जाती है और फसल समय से पहले पक जाती है।
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फास्फोरस की कमी से फल एवं बीज का निर्माण सही से नहीं हो पाता है।
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फास्फोरस की कमी से पौधों की जड़ सूख जाती है और पौधों में शाखाएं कम बनती हैं।
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पोटैशियम की कमी से पत्तियां भूरी एवं धब्बेदार हो जाती हैं।
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जिंक की कमी से पत्तियों की शिराओं पर पीले धब्बे हो जाते हैं और पौधे झाड़ीनुमा बन जाते हैं।
कपास की फसल में उर्वरक इस्तेमाल करने का समय एवं मात्रा
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फसल की बुवाई के 15 से 20 दिन पहले 12 से 15 टन गोबर खाद का प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें।
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बीटी किस्म की कपास के लिए 65 किलोग्राम यूरिया, डीएपी 27 किलोग्राम प्रति एकड़ या 75 किलोग्राम एसएसपी खाद को प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें।
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देशी किस्म की कपास के लिए 130 किलोग्राम यूरिया, डीएपी 27 किलोग्राम प्रति एकड़ या 75 किलोग्राम एसएसपी खाद को प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयोग करें।
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नाइट्रोजन की आधी मात्रा का प्रयोग बुवाई से पहले करें। बाकी बची हुई मात्रा का फूल आने के समय प्रयोग करें।
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उर्वरकों का प्रयोग मिट्टी की आवश्यकतानुसार करें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और कपास में समय से उचित मात्रा में खाद देकर फसल से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
Soumya Priyam
Dehaat Expert
1 लाइक
16 May 2022
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