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खरीफ मक्का की बुवाई का उपयुक्त समय एवं बुवाई की विधि

लेखक : Soumya Priyam

भारत में गेहूं के बाद सबसे अधिक मक्के की खेती की जाती है। इसकी खेती रबी, खरीफ एवं जायद सभी मौसम में की जा सकती है। मैदानी क्षेत्र हो या पहाड़ी क्षेत्र, इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है। इस खरीफ मौसम में यदि आप भी मक्का की खेती करना चाहते हैं तो इसकी बुवाई का सही समय एवं बुवाई से जुड़ी कुछ अन्य जानकारियां यहां से प्राप्त करें।

खरीफ मक्का की बुवाई का उपयुक्त समय

  • खरीफ मक्के की बुआई के लिए जून-जुलाई का महीना उपयुक्त है।

  • देर से पकने वाली किस्मों की बुवाई मध्य जून तक की जा सकती है।

  • जल्दी पकने वाली किस्मों की बुवाई जून के आखिरी सप्ताह तक कर लेनी चाहिए।

  • वर्षा के समय खेती की जाने वाली किस्मों की बुवाई जुलाई के पहले सप्ताह तक करें।

बीज की मात्रा एवं बीज उपचारित करने की विधि

  • छोटे दाने वाली किस्मों की खेती करने पर प्रति एकड़ भूमि में 6.4 से 7.2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • संकर किस्मों की खेती के लिए प्रति एकड़ भूमि में 8 से 8.8 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • संकुल किस्मों की खेती करने पर प्रति एकड़ खेत में 7.2 से 8 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम कार्बेंडाजिम से उपचारित करें।

  • इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम से भी उपचारित कर सकते हैं।

  • मक्के की बुवाई कतार में करनी चाहिए। इससे सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण में आसानी होती है।

  • सभी कतारों के बीच 60 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • यदि मक्के की अगेती किस्मों की खेती कर रहे हैं तो पौधों से पौधों के बीच 20 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • देर से पकने वाली किस्मों की खेती करने पर सभी पौधों के बीच 25 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए।

  • बीज की बुवाई 3 से 4 सेंटीमीटर की गहराई पर करें।

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11 June 2021

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