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कद्दू वर्गीय फसलों में कैसे करें 3G कटिंग एवं क्या है इसके फायदे?
लेखक : Pramod

कद्दू वर्गीय फसलें जैसे लौकी, कद्दू, तोरई, करेला, खीरा, तरबूज, आदि पौधों में 3G कटिंग का प्रयोग सबसे अधिक किया जाता है। इसके अलावा भिंडी, बैंगन, मिर्च, आदि में भी 3G कटिंग की जाती है। पौधों में अधिक फल प्राप्त करने के लिए 3G कटिंग एक सरल उपाय है। इस विधि के द्वारा लौकी के एक पौधे से 100 से भी अधिक फल प्राप्त किए जा सकते हैं। यदि आप अभी तक 3G कटिंग की विधि से अवगत नहीं हैं और आपने मन में इससे जुड़े सवाल आ रहे हैं तो अपने सवालों के जवाब के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें। आइए 3G कटिंग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
क्या है 3G कटिंग?
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एक ही पौधे से अधिक फल प्राप्त करने के लिए मुख्य तने एवं शाखाओं की कटाई की जाती है। इस विधि को 3G कटिंग कहते हैं।
कब करें 3G कटिंग?
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बीज की रोपाई के बाद जब पौधों में 10 से 12 पत्तियां निकल आएं या जब मुख्य तने की लंबाई करीब 60 सेंटीमीटर हो जाये तब पौधों के कटिंग शुरू कर देनी चाहिए।
कैसे करें 3G कटिंग?
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जड़ से निकलने वाले मुख्य तने में भूमि की सतह से लेकर 7-8 पत्तियों के बीच यदि छोटी शाखाएं निकल रही हैं तो उन्हें काट कर अलग कर दें। इसके बाद करीब 10 से 12 पत्तियों के बाद मुख्य तने के ऊपरी भाग को काट कर अलग करें। इससे पौधों की लंबाई रुकेगी एवं पौधों में नई शाखाएं आएंगी।
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मुख्य तने में दो शाखाओं के अलावा अन्य सभी छोटी शाखाओं को काट कर अलग करें।
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कुछ दिनों बाद मुख्य तने से निकलने वाली शाखाओं में भी कई शाखाएं निकलने लगेंगे। इनमें कुछ शाखाओं को छोड़कर अन्य को काट कर अलग करें।
3G कटिंग के क्या फायदे हैं?
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पौधे के मुख्य तने में 90 प्रतिशत नर फूल निकलते हैं।
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पहली कटिंग करने के बाद निकलने वाली दूसरी शाखाओं में 50 प्रतिशत नर फूल निकलते हैं।
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वहीं दूसरी शाखाओं से निकलने वाली अन्य शाखाओं में 90 प्रतिशत मादा फूल निकलते हैं।
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इससे एक ही पौधे में कई मादा फूल एवं उन मादा फूलों से कई फल प्राप्त होते हैं।
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इस तरह हम एक ही पौधे से 5 गुना अधिक फल प्राप्त कर सकते हैं।
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पैदावार में वृद्धि होने के कारण किसानों को अधिक मुनाफा होता है।
3G कटिंग के समय रखें इन बातों का ध्यान
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3G कटिंग के लिए कम से कम 20 से 30 दिन पुराने पौधे का चयन करें।
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कटिंग करने के समय पौधों की लंबाई कम से कम 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए।
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कटिंग करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि पौधों में कोई रोग या कीट का प्रकोप न हो।
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किसान 3G कटिंग तो करते हैं लेकिन नई शाखाओं से निकलने वाली अन्य छोटी शाखाओं को नहीं तोड़ते। इससे शाखाओं की संख्या आवश्यकता से अधिक हो जाती है और फलों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पाता। फलस्वरूप फलों का आकार छोटा रह जाता है। इसलिए 3G कटिंग करते समय इस बात का ध्यान रखें कि पौधों में बहुत अधिक शाखाएं न हो।
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24 April 2021
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