विवरण
जीरा की सिंचाई
लेखक : Lohit Baisla

प्रमुख मसालों में से एक होने के कारण जीरा की मांग हमेशा बनी रहती है। इसके बीज छोटे होते हैं इसलिए जीरा की फसल में सिंचाई करना एक कठिन कार्य है। यदि आप जीरा की खेती कर रहे हैं तो यहां से आप जीरा की सिंचाई से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
कब करें सिंचाई?
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जीरा की बुवाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें।
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बुवाई के 10 दिनों के अंतराल पर दूसरी सिंचाई करें। इससे अंकुरण में आसानी होती है।
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मिट्टी में मौजूद नमी के अनुसार यदि आवश्यकता हो तो 8 से 10 दिनों के अंतराल पर तीसरी सिंचाई की जा सकती है।
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दाने बनने के समय सिंचाई करना आवश्यक है।
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दानों के पकने के समय सिंचाई करने से बीज का वजन कम रहता है। इसलिए दानों के पकने के समय फसल में सिंचाई का कार्य बंद कर दें।
सिंचाई के समय किन बातों का रखें ध्यान?
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सिंचाई के समय इस इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पानी का बहाव अधिक न हो।
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तेज धार में सिंचाई करने से बीज पानी के साथ बह कर एक जगह इकट्ठे हो जाते हैं।
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जीरा की फसल में फव्वारा विधि से सिंचाई करें।
हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी इसका लाभ उठा सकें। जीरा की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
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22 January 2021
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