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गंधी बग कीट से कैसे बचाएं धान की फसल

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धान का कीट यानि गंधी बग कीट से धान की फसल को बहुत नुकसान होता है। इसके आक्रमण से धान की पैदावार में भरी कमी आ जाती है। जिससे किसानों को फायदों की जगह नुकसान का सामना करना पड़ता है। जब धान के पौधों में बालियां बनती हैं और बालियों में दाने बनते है उस दौरान यह कीट कभी भी उत्पन्न हो सकते हैं। शाम के समय यह कीट एक गंदी बदबू छोड़ते हैं। अगर आप भी गंधी बग कीट के प्रकोप से हैं परेशान तो इस पोस्ट में दिए गए उपायों को अपना कर आप इस कीट से आसानी से निजात पा सकते हैं।

कीट के प्रकोप का लक्षण

  • शुरुआत में यह कीट कोमल पत्तियों और तनों का रस चूसते हैं जिससे पौधे कमजोर हो जाते हैं।

  • धान में बालियां निकलने पर यह कीट दानों का दूध चूस लेते हैं।

  • यह दानों को अंदर से खोखला बना देते हैं।

  • इस कीट के प्रकोप से बालियां सफेद हो जाती हैं साथ ही कुछ दाने बदरंग भी हो जाते हैं।

नियंत्रण के उपाय

  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ फसल में 150 मिलिलीटर इमिडाक्लोरपिड 17.5 प्रतिशत एससी जो की बाज़ार में कोन्फ़िडोर , विक्टर आदि नाम से उपलब्ध है, का छिड़काव करें या फिर 100 ग्राम थियामेथोक्सम जो की बाजार में एकतारा , ग्रीनतारा आदि नाम से उपलब्ध हैं का छिड़काव करें।

  • बेहतर परिणाम के लिए छिड़काव सुबह 8 बजे से पहले या शाम 5 बजे के बाद करें।

  • इस दवा का छिड़काव धान की बालियों पर करें।

  • इसके अलावा प्रति एकड़ जमीन में 200 लीटर पानी में 400 मिलीलीटर नीम का तेल मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं।

  • खेत में खरपतवार नियंत्रित रखें, उर्वरक का संतुलित मात्रा में प्रयोग करें तथा जब फसल पुष्पन अवस्था में हो तब फसलों पर अधिक निगरानी रखें।

हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दिए गए उपायों को अपना कर आप अपनी धान की फसल को गंधक बग कीट से बचा सकते हैं। अगर आपको यह जानकारी उचित लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें साथ ही इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

Pramod

Dehaat Expert

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2 September 2020

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