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गेहूं की फसल में दीमक कीट का प्रबंधन

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गेहूं की फसल में दीमक के प्रकोप के कारण उत्पादन में भारी कमी हो सकती है। यह कीट बहुत तेजी से फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। समय रहते अगर इन पर नियंत्रण नहीं किया गया तो पूरी फसल नष्ट हो सकती है। दीमक की पहचान, गेहूं की फसल में इसके प्रकोप का लक्षण एवं बचाव के उपाय यहां से देखें।

कीट की पहचान

  • यह समूह में रहने वाले छोटे आकार के चमकीले कीट हैं।

  • इनका रंग हल्का पीला से भूरा होता है।

प्रकोप का लक्षण

  • यह कीट अंकुरित बीज के साथ पौधों की जड़ों को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

  • गेहूं के तने को खा कर यह फसल को नष्ट कर देते हैं।

  • इसके अलावा यह कीट जमीन की सतह के पास तनों को भी काट कर क्षति पहुंचाते हैं।

बचाव के उपाय

  • खेत में कभी कच्चे गोबर का प्रयोग न करें। कच्चे गोबर में दीमक के पनपने का खतरा बढ़ जाता है।

  • खेत में फसलों के अवशेष इकट्ठा न होने दें।

  • प्रति एकड़ जमीन में 4 क्विंटल नीम की खली का प्रयोग करने से दीमक का प्रकोप कम होता है।

  • बुवाई से पहले प्रति एकड़ भूमि में 1 किलोग्राम बिवेरिया बेसियाना समान रूप से मिलाएं।

  • खड़ी फसल में दीमक का प्रकोप दिखने पर प्रति एकड़ भूमि में 1 लीटर क्लोरपायरीफॉस 20 प्रतिशत ई.सी का छिड़काव करें।

यह भी पढ़ें :

  • गेहूं की खेती के लिए बीज की मात्रा, बुवाई के तरीके, आदि जानकारियों के लिए यहां क्लिक करें।

हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाएं दीमक पर नियंत्रण के लिए कारगर साबित होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। गेहूं की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

SomnathGharami

Dehaat Expert

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10 November 2020

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