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गेहूं की कटाई के उपरांत खेत की गहरी जुताई से होंगे कई लाभ

कई बार किसान गेहूं की कटाई के बाद मूंग, ढैंचा आदि फसलों की बुवाई करते हैं। इन फसलों की खेती मिट्टी की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने में सहायक होती है। लेकिन यदि आप इन फसलों की खेती नहीं करते हैं तो गेहूं की कटाई के बाद एवं धान की बुवाई से पहले खेत की एक बार गहरी जुताई अवश्य करें। खेत की गहरी जुताई कर के कुछ दिनों तक खाली छोड़ने के कई लाभ हैं। आइए गहरी जुताई से होने वाले लाभ पर विस्तार से चर्चा करें।
गहरी जुताई के फायदे
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गेहूं की कटाई के बाद यदि किसी अन्य फसल की खेती नहीं करनी है तब भी खेत की जुताई कर देनी चाहिए। अधिक लाभ के लिए कम से कम 12 इंच गहरी जुताई करें।
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जुताई करने से खेत में पहले से मौजूद फसल के अवशेष नष्ट हो जाते हैं।
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कई खरपतवारों की जड़ें काफी लंबी होती हैं। यह मिट्टी में बहुत गहराई तक रहती हैं। इसलिए इस तरह के खरपतवारों पर नियंत्रण करना कठिन होता है। गहरी जुताई करने से इस समस्या से आसानी से निजात पाया जा सकता है।
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गहरी जुताई कई मृदा जनक रोगों, फफूंद जनक रोगों, एवं कीटों के प्रकोप को कम करने में भी सहायक है। गहरी जुताई के बाद खेत में मौजूद फफूंद एवं कीट तेज धूप के संपर्क में आने पर नष्ट हो जाते हैं।
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मिट्टी में वर्षा के पानी को धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है। इससे सिंचाई के समय जल की आवश्यकता भी कम होती है।
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गहरी जुताई करके कुछ दिनों तक खेत को खाली रखने पर खेत की मिट्टी अधिक तापमान के कारण भुरभुरी हो जाती है। इससे सूखे की स्थिति होने पर फसलों का बचाव होता है।
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गहरी जुताई करने से खेत में प्रयोग की गई खाद अच्छी तरह मिट्टी में मिल जाती है।
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भुरभुरी मिट्टी में बीज के अंकुरण में आसानी होती है।
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पौधों की जड़ों का फैलाव बेहतर तरीके से होता है।
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खेत की मिट्टी में वायु संचार में सुधार होता है।
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Pramod
Dehaat Expert
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1 टिप्पणी
1 May 2021
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