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गेहूं : 25 से 30 दिन की फसल में उर्वरक प्रबंधन

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गेहूं की बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए सही समय पर पोषक तत्वों की पूर्ति करना आवश्यक है। सामान्यतौर पर किसान गेहूं की बुवाई से पहले यानी खेत तैयार करते समय उर्वरकों का प्रयोग करते हैं। लेकिन बुवाई के बाद यानि खड़ी फसल में भी कई बार पोषक तत्वों की कमी के लक्षण नजर आते हैं। जिससे गेहूं की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर होता है। आइए गेहूं की 25 से 30 दिनों की फसल में उर्वरक प्रबंधन की अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।

पोषक तत्वों की पूर्ति के लक्षण

  • गेहूं की फसल जब 25 से 30 दिनों की हो जाती है तब फसल में जिंक की कमी होने पर पौधों के विकास में बाधा आती है एवं पौधों की निचली पत्तियां पीली होने लगती हैं।

कैसे करें पोषक तत्वों की पूर्ति?

  • जिंक के साथ फसल में यूरिया का भी प्रयोग करना चाहिए।

  • खड़ी फसल में जिंक की कमी की पूर्ति के लिए प्रति एकड़ भूमि में 4 किलोग्राम देहात बायोजिंक का प्रयोग करें।

  • इसके साथ ही प्रति एकड़ भूमि में 37 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग करें।

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Soumya Priyam

Dehaat Expert

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6 December 2021

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