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गाजर की खेती के लिए प्रमुख बातें

लेखक : Soumya Priyam

सलाद के रूप में सर्वाधिक पसंद किए जाने वाले गाजर की खेती भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में की जा सकती है। इसकी खेती करने से पहले कुछ प्रमुख बातों की जानकारी होना आवश्यक है। यदि आप इसकी खेती करना चाहते हैं तो बेहतर पैदावार के लिए इस पोस्ट में दी गई बातों पर अमल करें।

गाजर की बिजाई के लिए उपयुक्त समय

  • देशी किस्मों की बिजाई अगस्त से सितंबर महीने में करें।

  • यूरोपियन एवं अन्य विदेशी किस्मों की बिजाई अक्तूबर-नवंबर महीने में करें।

बीज की मात्रा

  • प्रति एकड़ जमीन के लिए 4 से 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

  • बिजाई करने से पहले बीज को 12 से 24 घंटों तक पानी में भिंगो कर रखें। इससे अंकुरण में आसानी होती है।

मिट्टी

  • गाजर की बेहतर पैदावार के लिए भुरभुरी मिट्टी या हल्की दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।

  • उच्च गुणवत्ता की फसल के लिए मिट्टी का एच स्तर 6.5 होना चाहिए।

खेत की तैयारी

  • गाजर की बिजाई से पहले खेत में 1 बार गहरी जुताई करें।

  • इसके बाद 2 से 3 बार हलकी जुताई कर के मिट्टी को भुरभुरी बना लें।

  • आखिरी जुताई के समय खेत में अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।

  • गोबर की खाद की जगह रूड़ी की खाद का भी प्रयोग कर सकते हैं।

  • इसके बाद खेत में क्यारियां तैयार कर लें।

  • सभी क्यारियों के बीच 45 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

  • बिजाई करीब 7 से 8 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।

  • जिस खेत में इसकी खेती करनी है वहां जल जमाव न होने दें।

सिंचाई एवं खरपतवार नियंत्रण

  • बिजाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करें।

  • खेत में नमी की कमी न होने दें।

  • करीब 15 से 20 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।

  • खेत में खरपतवार न होने दें।

  • खरपतवार पर नियंत्रण के लिए आवश्यकता अनुसार कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करते रहें।

हमें उम्मीद है इन बातों पर अमल कर के आप गाजर की बेहतर फसल प्राप्त कर सकेंगे। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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6 September 2020

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