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एरोपोनिक्स खेती : हवा में खेती करने की अनोखी तकनीक

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बढ़ती जनसंख्या, ग्लोबल वार्मिंग, बदलता मौसम, आदि कई कारणों से दिन-प्रतिदिन कृषि योग्य भूमि की कमी होती जा रही है। इस परेशानी को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई कृषि तकनीक ईजाद की है। यह तकनीक है एरोपोनिक्स खेती। इस अनोखी तकनीक के माध्यम से हवा में सफलतापूर्वक आलू की खेती की गई है। एरोपोनिक्स खेती में पौधों को मिट्टी, पानी एवं धूप की आवश्यकता नहीं होती है। आइए एरोपोनिक्स खेती पर विस्तार से चर्चा करें।

कैसे की जाती है एरोपोनिक्स खेती?

  • इस तकनीक में पौधों के टिशू को प्लास्टिक शीट के छेद में लगाया जाता है।

  • पौधों की जड़ों को एक बक्से में लटकाया जाता है।

  • हवा में पोषक तत्वों की खुराक दी जाती है।

  • कुछ समय बाद बक्से में लटकी जड़ में आलू लग जाते हैं तब आलुओं को तोड़ कर अलग कर लिया जाता है।

क्या है एरोपोनिक्स खेती के फायदे?

  • इस विधि से खेती करने पर उत्पादन में 12 गुणा तक वृद्धि हो सकती है।

  • इस तकनीक से खेती करने पर प्रत्येक पौधे से 50 से 60 आलू तक प्राप्त किए जा सकते हैं।

  • पौधों को उगाने के लिए मिट्टी एवं पानी की आवश्यकता नहीं होती है।

  • खेत की जुताई, सिंचाई, आदि में होने वाले खर्च में कमी आती है।

  • इस तकनीक में मौसम, जानवरों या किसी अन्य प्रकार के बाहरी, जैविक एवं अजैविक कारणों से पौधे प्रभावित नहीं होते।

  • कीट एवं रोगों के होने की संभावना कम हो जाती है।

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Somnath Gharami

Dehaat Expert

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8 March 2021

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