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एक्वापोनिक्स खेती के फायदे एवं नुकसान

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आने वाले कुछ वर्षों में बढ़ती जनसंख्या से कृषि योग्य भूमि की कमी और घटता जल स्तर के कारण सिंचाई के लिए पानी की कमी होना कृषि क्षेत्र में एक बड़ी समस्या बन कर उभर सकती है। ऐसे में एक्वापोनिक्स कृषि तकनीक एक बड़ी राहत बन सकती है। एक्वापोनिक्स खेती के माध्यम से कम जगह में मछली पालन के साथ सब्जियों की भी खेती की जा सकती है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से जानते हैं एक्वापोनिक्स खेती के फायदे एवं नुकसान।

एक्वापोनिक्स खेती के फायदे

  • मत्स्य पालन एवं सब्जियों की खेती एक साथ करके अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।

  • मछलियों का पानी पौधों में प्रयोग किया जाता है जिससे पानी की बचत होती है।

  • पारंपरिक खेती की तुलना में खाद एवं उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है।

  • पैदावार में 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होती है।

  • उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त होती है।

  • कृषि के लिए अनुपयोगी भूमि में भी कृषि की जा सकती है। लवणीय भूमि, मरुस्थल, रेतीली भूमि, आदि में भी आसानी से एक्वापोनिक्स खेती की जा सकती है।

एक्वापोनिक्स खेती के नुकसान

  • एक्वापोनिक्स तकनीक की शुरुआत में लागत अधिक होती है।

  • मछली पालन, बैक्टेरिया और पौधों की जानकारी नहीं होने से नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

  • छोटी दुर्घटना होने पर भी पूरा तंत्र खराब हो सकता है।

  • सर्किट, मोटर आदि को चलाने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है।

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SomnathGharami

Dehaat Expert

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8 February 2021

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