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भिंडी के फलों को टेढ़े-मेढ़े होने से कैसे बचाएं

भिंडी की खेती रबी एवं खरीफ दोनों मौसम में की जाती है। भिंडी की फसल में रोग एवं कीटों का प्रकोप अधिक होता है। जिससे पैदावार में भारी कमी आ सकती है। भिंडी की अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए विभिन्न रोग एवं कीट की जानकारी होना आवश्यक है। इस पोस्ट के माध्यम से हम भिंडी के फलों को टेढ़े-मेढ़े होने से बचाने के उपाय जानेंगे।
फलों के टेढ़े-मेढ़े होने का क्या कारण है?
सबसे पहले यह जानते हैं कि भिंडी के फल टेढ़े-मेढ़े क्यों होते हैं? इसका एक बड़ा कारण फल छेदक कीट है।
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फल छेदक कीट का प्रकोप वर्षा ऋतु में अधिक होता है।
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शुरुआत में इस कीट की इल्लियां नरम तनों में छेद करती हैं।
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इससे पौधों का तना सूखने लगता है
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प्रभावित पौधों के फूल झड़ने लगते हैं।
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कुछ समय बाद यह कीट फलों में छेद करके अंदर का भाग खा जाती हैं।
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इस कारण भिंडी के फलों का आकार मुड़ने लगता है और भिंडी खाने योग्य नहीं रहती।
बचाव के उपाय
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कीट से प्रभावित पौधों एवं फलों को इकट्ठा करके नष्ट कर दें।
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इस कीट पर नियंत्रण के लिए 150 लीटर पानी में 50 मिलीलीटर देहात कटर मिला कर छिड़काव करें।
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प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर क्यूनालफास 25 प्रतिशत ई.सी. मिला कर छिड़काव करें।
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इसके अलावा आप प्रति लीटर पानी में 5 मिलीलीटर क्लोरपाइरीफास 20 प्रतिशत ई.सी. मिला कर भी छिड़काव कर सकते हैं।
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हमें उम्मीद है इस पोस्ट में बताई गई दवाएं फल छेदक कीट पर नियंत्रण कर के भिंडी के फलों को टेढ़े-मेढ़े होने से बचाने में कारगर साबित होंगी। यदि आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अपने किसान मित्रों के साथ साझा भी करें। भिंडी की खेती से जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
Somnath Gharami
Dehaat Expert
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6 टिप्पणियाँ
11 December 2020
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