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भिंडी की बेहतर पैदावार के लिए इस तरह करें उर्वरक प्रबंधन

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भिंडी की खेती पूरे साल की जा सकती है। लेकिन यह मुख्यतः खरीफ और गर्मी के मौसम के अंतर्गत आने वाली एक फसल है। जिसमें एक लम्बे समय तक शुष्क अवधि को संभालने की क्षमता होती है। भिंडी के लिए 20 से 40 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उचित है। इससे अधिक तापमान पर फूल गिरने जैसी समस्या एवं इससे कम तापमान पर बीजों के अंकुरण में बहुत अधिक दर तक कमी पाई जा सकती है। इसके अलावा जैविक और रासायनिक उर्वरक की एक सही मात्रा सही समय पर डालना भी भिंडी की पैदावार को बढ़ाने का एक मुख्य विकल्प है। उर्वरक की उपयोगी मात्रा को आप नीचे देख सकते हैं।

भिंडी की फसल में उर्वरक प्रबंधन

  • खेत की तैयारी के समय 120 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से गोबर की खाद अच्छी तरह से खेत में मिला लें।

  • बुवाई के समय 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 20 किलोग्राम फास्फोरस और 20 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर से मिट्टी में मिलाना चाहिए। नाइट्रोजन की दूसरी किस्त 20 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से बुवाई  के एक महीने के अंतराल पर डालें।

  • अच्छी पैदावार और बेहतर फसल के लिए फूल बनने के समय पोटेशियम नाइट्रेट की 100 ग्राम मात्रा प्रति 10 लीटर पानी के साथ मिला कर छिड़काव करें।

  • नाइट्रोजन,फास्फोरस और पोटाश की 50 ग्राम मात्रा का छिड़काव प्रति 10 लीटर पानी के साथ फूल निकलने से पहले करें और फिर फल बनने के समय दोबारा करें।

  • जैविक खाद की तौर पर अंतिम जुताई से पहले 5 से 10 क्विंटल करंज की खली मिट्टी में अच्छी तरह से मिला लें।

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Soumya Priyam

Dehaat Expert

10 लाइक्स

19 March 2022

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