पोस्ट विवरण
अंजीर की खेती
हमारे देश में महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ क्षेत्रो में सफलतापूर्वक अंजीर की खेती की जाती है। अगर आप भी इसकी खेती करना चाहते हैं तो खेत की तैयारी , सिंचाई, फलों की तुड़ाई आदि जानकारियां यहां से देखें।
खेत की तैयारी एवं रोपाई की विधि
-
सबसे पहले खेत की 1 बार गहरी जुताई कर के खेत से खरपतवार निकाल दें।
-
इसके बाद खेत में 2-3 बार हल्की जुताई करें और मिट्टी को समतल बना लें।
-
अब खेत में 1 मीटर चौड़े और 1 मीटर गहरे गड्ढे तैयार करें।
-
सभी गड्ढों के बीच करीब 8 मीटर की दूरी रखें।
-
कुछ दिनों तक खुला रखने के बाद सभी गड्ढों में करीब 20 किलोग्राम गोबर की खाद डालें।
-
विभिन्न रोगों एवं कीटों से बचने के लिए गड्ढों में गोबर की खाद के साथ नीम की खली मिला कर भरें।
-
अब तैयार किए गए सभी गड्ढों में पौधों की रोपाई करें।
उर्वरक एवं सिंचाई
-
छोटे पौधों में प्रति पौधे के अनुसार 5-7 किलोग्राम गोबर की खाद का प्रयोग करें।
-
बड़े पौधों को प्रति वर्ष 15 से 20 किलोग्राम गोबर की खाद की आवश्यकता होती है।
-
अंजीर के पौधों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है।
-
गर्मी के मौसम में 15 से 20 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें।
फलों की तुड़ाई एवं पैदावार
-
फलों के पकने पर इसकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए।
-
फलों की तुड़ाई छोटे डंठल के साथ करें। इससे फलों में फंगस लगने का खतरा कम हो जाता है।
-
एक पूर्ण रूप से विकसित वृक्ष से 25 से 30 किलोग्राम फलों की प्राप्ति होती है।
अगर आपको यह जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो इस पेज को लाइक करें एवं अन्य किसान मित्रों में साथ साझा भी करें। साथ ही अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।
Soumya Priyam
Dehaat Expert
52 लाइक्स
22 टिप्पणियाँ
2 September 2020
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें


फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ