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अजवाइन : खेती से पहले जानें कुछ महत्वपूर्ण बातें

हमारे देश में महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, बिहार, आंध्रप्रदेश एवं राजस्थान में अजवाइन की व्यावसायिक खेती की जाती है। इसकी खेती रबी एवं खरीफ दोनों मौसम में सफलतापूर्वक की जा सकती है। अजवाइन के पौधे अत्यधिक ठंड (पाला) को भी आसानी से सहन कर सकते हैं। बाजार में अच्छे मूल्य पर बिक्री होने के कारण इसकी खेती से किसानों को अधिक मुनाफा होता है। अगर आप भी करना चाहते हैं अजवाइन की खेती तो इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां होना आवश्यक है। आइए अजवाइन की खेती पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
अजवाइन की बुवाई का उचित समय
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अजवाइन की खेती रबी एवं खरीफ दोनों मौसम में की जाती है।
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रबी मौसम में खेती करने के लिए सितंबर-अक्टूबर महीने में इसकी बुवाई करें।
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वहीं खरीफ मौसम में खेती के लिए जुलाई से अगस्त महीने में बुवाई करें।
उपयुक्त मिट्टी
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इसकी खेती के लिए उचित जल निकासी वाली एवं कार्बनिक पदार्थों से भरपूर दोमट मिट्टी सर्वोत्तम है।
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इसके अलावा हल्की बलुई दोमट मिट्टी में भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है।
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मिट्टी का पी.एच. स्तर 6.5 से 8 होना चाहिए।
उपयुक्त जलवायु
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इसकी खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है।
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बीज के अंकुरण के लिए 20 से 25 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उपयुक्त है।
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करीब 10 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान में भी पौधों का विकास अच्छी तरह होता है।
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दानों के पकने के समय करीब 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की आवश्यकता होती है।
बीज की मात्रा
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रबी मौसम में प्रति एकड़ भूमि में खेती के लिए 1 से 1.4 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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खरीफ मौसम में प्रति एकड़ भूमि में खेती के लिए 1.6 से 2 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।
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अजवाइन की खेती की अधिक जानकारी यहां से प्राप्त करें।
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Soumya Priyam
Dehaat Expert
8 लाइक्स
25 October 2021
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