आम सभी फलों का राजा है। ऐसा हो भी क्यों ना, आम सभी का पसंदीदा फल जो है। आम की अच्छी फसल के लिए इसकी देखभाल करना बहुत जरूरी है। आम की देखभाल में जरा सी चूक हुई तो कई तरह के कीट और रोग आम को बर्बाद कर सकते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से आप कुछ प्रमुख कीटो और रोगो की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
दीमक : दीमक मिट्टी के अंदर रह कर जड़ों को खाते हैं और पेड़ के अंदर सुरंग बना कर ऊपर की और बढ़ते हैं। इससे बचने के लिए रीजेंट एससी (फिप्रोनिल 5% एससी) 2 मिली लीटर प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए। इसके अलावा आप लीथल इसी 20% ( क्लोरोपैरिफॉस 20 इसी) 2 मिली लीटर प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव भी कर सकते हैं।
भुगना कीट : इस कीट से आम की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान होता है। इससे बचने के लिए टाटामिडा (इमीडाक्लोप्रिड 17.8 SL) 0.5 - 1.0 मिली लीटर प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए। इसके साथ ही नीम तेल 3000 पीपीएम 2 मिली लीटर पानी में मिला कर छिड़कने से भी इस कीट से निजात मिल सकता है।
सफ़ेद चूर्णी रोग (पॉउडरी मिलडुए) : मंजर आने के समय होने वाली बरसात के कारन यह रोग होता है। इस रोग में मंजर और फूल सफ़ेद हो कर सूख कर गिर जाते हैं। 500 लीटर पानी में 250 ग्राम कोराथेन मिला कर छिड़काव करने से इस रोग से छुटकारा पा सकते हैं।
पत्तों का जलना : पोटेशियम की कमी एवं क्लोराइड की अधिकता से ये रोग होता है। इस रोग से बचने के लिए 5% पोटेशियम सल्फ़ेट का छिड़काव करना चाहिए।
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