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आलू : पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण के सटीक उपाय
लेखक : Soumya Priyam

आलू की फसल में होने वाले कुछ प्रमुख रोगों में पछेती झुलसा रोग भी शामिल है। इस रोग के होने पर आलू की पैदावार में भारी कमी आती है। यह रोग बहुत तेजी से फैलता है और कुछ दिनों में पूरी फसल नष्ट हो सकती है। इन दिनों कई क्षेत्रों में किसान इस रोग के कारण परेशान हैं। अगर आप भी कर रहें आलू की खेती तो अपनी फसल को इस घातक रोग से बचाने के लिए इस रोग के कारण, लक्षण एवं नियंत्रण की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
पछेती झुलसा रोग का कारण
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आलू की फसल में यह रोग फाइटोपथोरा नामक कवक के कारण होता है।
पछेती झुलसा रोग के लक्षण
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इस रोग में पौधों की पत्तियां सिरे से झुलसने लगती हैं।
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प्रभावित पत्तियों पर भूरे एवं काले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं।
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पत्तियों की निचली सतह पर रुई की तरह फफूंद नजर आने लगते हैं।
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कंदों का आकार छोटा रह जाता है।
पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण के तरीके
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पछेती झुलसा रोग पर नियंत्रण के लिए 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम देहात फुल स्टॉप मिला कर छिड़काव करें।
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इसके अलावा 15 लीटर पानी में 25 से 30 ग्राम एन्ट्राकॉल मिला कर छिड़काव करें।
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प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर कस्टोडिया मिला कर छिड़काव करें।
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14 January 2022
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