पोस्ट विवरण
आलू की फसल के लिए खेती की तैयारी कैसे करें

हमारे देश में आलू की औसत पैदावार 152 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। आलू में कार्बोहाइड्रेट और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। आलू की अच्छी पैदावार के लिए खेत की तैयारी सबसे अहम भाग है। यदि आप आलू की खेती करना चाहते हैं तो खेत की तैयारी की विधि यहां से देख सकते हैं।
खेत की तैयारी
-
आलू की खेती के लिए सबसे पहले खेत में एक बार 25-30 सेंटीमीटर गहरी जुताई करें।
-
गहरी जुताई के लिए मिट्टी पलटने वाली हल का प्रयोग कर सकते हैं।
-
इसके बाद 3-4 बार हल्की जुताई करें। हल्की जुताई के लिए डिस्क हैरो या कल्टीवेटर का प्रयोग करें।
-
खेत की मिट्टी को भुरभुरी बनाने के लिए प्रत्येक जुताई के बाद पाटा अवश्य लगाएं।
-
अच्छी फसल के लिए बुवाई से पहले पलेवा करें।
-
खेत से कंकड़, पत्थर, फसल व खरपतवार के अवशेष को बाहर निकाल दें।
-
आलू की अच्छी पैदावार के लिए प्रति एकड़ खेत में 8-10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाएं।
-
आखिरी जुताई के समय प्रति एकड़ जमीन में 50-60 किलोग्राम यूरिया, 50-55 किलोग्राम डीएपी एवं 70-80 किलोग्राम पोटाश 8 किलोग्राम देहात स्टार्टर मिलाएं।
-
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि खेत में जल जमाव न हो। खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था करें।
-
बीज की बुवाई के लिए खेत में क्यारियां बना लें।
-
सभी क्यारियों के बीच करीब 45-55 सेंटीमीटर की दूरी रखें।
-
इन क्यारियों में 15 से 20 सेंटीमीटर की दूरी एवं 5-7 सेंटीमीटर की गहराई पर बीज की बुवाई करें।
-
आलू की खेती समतल भूमि में भी की जा सकती है।
-
समतल भूमि में खेती करने के लिए बीज की बुवाई के बाद खेत में मिट्टी चढ़ाई जाती है।
यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी महत्वपूर्ण लगी है तो हमारे इस पोस्ट को लाइक करें। इस पोस्ट को अन्य किसानों के साथ साझा भी करें जिससे अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें। इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

SomnathGharami
Dehaat Expert
65 लाइक्स
35 टिप्पणियाँ
10 September 2020
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें


फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ