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आलू की अगेती फसल के लिए इन किस्मों का करें चुनाव

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हमारे देश में आलू कों सब्जियों का राजा कहा जाता है। अन्य फसलों की तुलना में आलू की उत्पादन क्षमता अधिक होती है। इसकी मांग वर्ष भर बनी रहती है। बाजार में वर्ष भर आलू की मांग होने के कारण इसकी खेती करने वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। बात करें बुवाई के किए उपयुक्त समय की तो इसकी अगेती बुवाई के लिए अक्टूबर का महीना सर्वोत्तम है। इसकी बुवाई से पहले इसकी कुछ अगेती किस्मों की जानकारी होना आवश्यक है। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

आलू की अगेती किस्में

  • कुफरी पुखराज : इस किस्म के कंदों का रंग सफेद और गुदा पीले रंग का होता है। बुवाई के बाद फसल को तैयार होने में 70 से 80 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ भूमि में इसकी खेती करने पर 140 से 160 क्विंटल तक पैदावार होती है।

  • कुफरी अशोक : यह संकर किस्मों में शामिल है। आलू की अगेती खेती के लिए यह उपयुक्त किस्म है। इस किस्म के पौधों की ऊंचाई 60 से 80 सेंटीमीटर होती है। इसके कंदों का रंग सफेद होता है। फसल को तैयार होने में करीब 75 दिनों का समय लगता है। प्रति एकड़ खेत से 92 से 112 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त किया जा सकता है।

  • कुफरी सूर्या : इस किस्म की फसल करीब 70 से 80 दिनों में खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। यह किस्म पछेती झुलसा रोग के प्रति सहनशील है। इसके साथ ही इस किस्म के पौधों में माईट का प्रकोप भी कम होता है। प्रति अकड़ भूमि से 12 टन तक पैदावार होती है।

  • कुफरी चंद्रमुखी : इस किस्म के कंद अंडाकार एवं सफेद रंग के होते हैं। यह किस्म पछेती अंगमारी रोग के प्रति सहनशील है। कंदों की बुवाई के बाद फसल को तैयार होने में करीब 3 महीने का समय लगता है। प्रति एकड़ भूमि से 8 से 10 टन तक पैदावार होती है।

हमारे देश में अगेती आलू की कई अन्य किस्मों की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है। जिनमें चिप्सोना, कुफरी जवाहर, कुफरी अलंकार, आदि किस्में शामिल हैं।

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हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको इस पोस्ट में दी गई जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। जिससे अन्य किसान मित्र भी आलू की इन किस्मों की खेती कर के अच्छा मुनाफा कमा सकें।

Somnath Gharami

Dehaat Expert

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11 October 2021

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