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Praveen Raikwar

बैंगन की फसल के लिए भूमि का चुनाव एवं नर्सरी की तैयारी बैंगन की फसल के लिए मिट्टी / बैंगन की फसल के लिए भूमि बैंगन एक लंबे समय की फसल है, इसलिए अच्छे जल निकास वाली उपजाऊ रेतली दोमट मिट्टी उचित होती है और अच्छी पैदावार देती है। अगेती फसल के लिए हल्की मिट्टी और अधिक पैदावार के लिए चिकनी और नमी या गारे वाली मिट्टी उचित होती है। फसल की वृद्धि के लिए भूमि का पी.एच. मान 5.5-6.6 के बीच में होनी चाहिए। सिंचाई का उचित प्रबंधन भी होना चाहिए। बैंगन की फसल सख्त होने के कारण इसे अलग अलग तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है। खेत में बैंगन की बिजाई का तरीका / बैंगन के बीज बैंगन का अधिक उत्पादन पाने के लिए बैंगन के बीजों का सही रोपण होना चाहिए। दो पौधों के बीच की दूरी का ध्यान रखना चाहिए। दो पौधों और दो कतार के बीच की दूरी 60 सेंटीमीटर होनी चाहिए। बीज रोपण करने से पहले खेत की अच्छे तरीके से 4 से 5 बार जुताई करके खेत को समतल करना चाहिए। फिर खेत में आवश्यकतानुसार आकार के बैड बनाने चाहिए। बैंगन की खेती में प्रति एकड़ 300 से 400 ग्राम बीजों को डालना चाहिए। बीजों को 1 सेंटीमीटर की गहराई तक बोने के बाद मिट्टी से ढक देना चाहिए। बैंगन बिजाई का सही समय / बैंगन की वैज्ञानिक खेती बैंगन की फसल पूरे सालभर की जा सकती है लेकिन अक्टूबर और नवंबर का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। किसान पहली फसल के लिए अक्टूबर में पनीरी बो सकते हैं जिससे नवंबर तक पनीरी खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाए। दूसरे फसल के लिए नवंबर में पनीरी बोनी चाहिए जिससे फरवरी के पहले पखवाड़ तक पनीरी खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाए। तीसरी फसल के लिए फरवरी के आखिरी पखवाड़़े और मार्च के पहले पखवाड़े में पनीरी बोनी चाहिए जिससे अप्रैल के आखिरी सप्ताह में पनीरी खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाए। चौथी फसल के लिए जुलाई में पनीरी बोनी चाहिए ताकि अगस्त तक पनीरी खेत में लगाने के लिए तैयार हो जाए।  बैंगन की खेती में खाद और उर्वरक बैंगन की खेती में मिट्टी की जांच के अनुसार खाद और उर्वरक डालनी चाहिए। अगर मिट्टी की जांच नहीं हो पाती है तो खेत तैयार करने समय 20-30 टन गोबर की सड़ी खाद मिट्टी में मिला देनी चाहिए। इसके बाद 200 किलो ग्राम यूरिया, 370 किलो ग्राम सुपर फॉस्फेट और 100 किलो ग्राम पोटेशियम सल्फेट का इस्तेमाल करना चाहिए सुनील सरिया कृषि नेटवक

24 June 2021

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