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यह रोग नष्ट न कर दे पत्तेदार सब्जियों वाली फसल
यह रोग नष्ट न कर दे पत्तेदार सब्जियों वाली फसल
पत्ती वाली सब्जियों में पत्ती एवं तना गलन रोग का प्रकोप अधिक होता है। इस रोग के होने पर बहुत कम समय में पूरी फसल नष्ट हो सकती है। पत्ती एवं तना गलन रोग से पालक, मेथी, धनिया, पुदीना, हरी प्याज, बथुआ, सरसों, आदि पत्तेदार सब्जियां अधिक प्रभावित होती हैं। आइए पत्तेदार सब्जियों में होने वाले इस रोग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
पत्ती एवं तना गलन रोग के लक्षण
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इस रोग से प्रभावित पौधों के तने भूरे रंग के होने लगते हैं।
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पौधों की शाखाएं एवं पत्तियां सूखने लगती हैं।
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पौधों का विकास रुक जाता है।
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रोग बढ़ने पर तना सड़ने के कारण पौधे नष्ट हो जाते हैं।
पत्ती एवं तना गलन रोग पर नियंत्रण के तरीके
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पौधों को इस रोग से बचाने के लिए बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम थीरम से उपचारित करें।
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इसके बाद प्रति किलोग्राम बीज को 4 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी से उपचारित करें।
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यदि खेत में हर वर्ष तना गलन रोग होता है तो बुवाई के 45 से 50 दिनों बाद 0.1 प्रतिशत बाविस्टिन के घोल का छिड़काव करें।
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