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विभा कुमारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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वसंत में लगाई गई गन्ने की फसल की बंधाई

वसंत में लगाई गई गन्ने की फसल की बंधाई

गन्ने जब बड़े होने लगते हैं तब अधिक वजन होने के कारण इसके गिरने की समस्या शुरू हो जाती है। गन्ने को गिरने से बचाने के लिए बंधाई करना अति आवश्यक है। यदि बंधाई नहीं की गई तो किसानों को इससे बहुत नुकसान हो सकता है। अगर आपको बंधाई के करने की विधि की जानकारी नहीं है तो इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।

कब करें बंधाई?

  • वर्षा के कारण मिट्टी गीली होती है और तेज हवा से गन्ने आसानी से गिर सकते हैं। इस समस्या से बचने के लिए वर्षा ऋतु के शुरू होने से पहले गन्नों की बंधाई कर लें।

कैसे करें बंधाई?

  • गन्नों को बांधने के लिए इसकी सूखी पत्तियों का प्रयोग करें।

  • इसके अलावा आप नारियल की रस्सी से भी पौधों को बांध सकते हैं।

  • गन्ने की बंधाई करते समय बहुत अधिक संख्या में पौधों को एक साथ न बांधे।

  • जब गन्ना जमीन की सतह से करीब 2.5 मीटर से अधिक लंबे हो जाए तब इसकी बंधाई कर देनी चाहिए।

  • गन्नों की पहली बंधाई 100 सेंटीमीटर की ऊंचाई पर करें।

  • पहली बंधाई के 20-25 दिन बाद दूसरी बंधाई करनी चाहिए।

  • दूसरी बंधाई पहली बधाई से करीब 50 सेंटीमीटर ऊपर करें।

  • गन्नों को बांधते समय इसकी हरी पत्तियों को ना बांधें।

  • हरी पत्तियां पौधों के लिए भोजन बनाने का काम करती हैं। इसलिए जहां पत्तियां पीली हो वहां बधाई करें।

  • बंधाई के समय पौधों से सूखी पत्तियां हटा दें।

  • इन पत्तियों को खेत की मेड़ों पर बिछा सकते हैं। इससे खरपतवार की समस्या से राहत मिलेगी।

इस तरह गन्नों को बांध कर आप अपने गन्नों को गिरने से बचा सकते हैं। यदि आपको यह जानकारी आवश्यक लगी है तो हमारे पोस्ट को लाइक करें एवं इससे जुड़े अपने सवाल हमसे कमेंट के माध्यम से पूछें।

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