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7 Sep
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वर्टिकल फार्मिंग : कम जगह में अधिक फसलों की खेती

वर्टिकल फार्मिंग : कम जगह में अधिक फसलों की खेती

बढ़ती जनसंख्या के साथ कृषि योग्य भूमि की कमी होती जा रही है। ऐसे में वर्टिकल फार्मिंग कम जगह में अधिक पौधों को लगाने का एक अनोखा तरीका है। वर्टिकल फार्मिंग को खड़ी खेती के नाम से भी जाना जाता है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम वर्टिकल फार्मिंग पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।

क्या है वर्टिकल फार्मिंग?

  • यह एक आधुनिक कृषि तकनीक है। इस विधि से खेती करने के लिए खेती की आवश्यकता नहीं होती है। हम अपनी घर की दीवारों पर भी खेती कर सकते हैं। यह एक तरह की मल्टी लेवल विधि है।

कैसे की जाती है वर्टिकल फार्मिंग?

  • इस विधि से खेती करने के लिए दीवार पर एक बहु-सतही ढांचा तैयार किया जाता है।

  • इस ढांचे के निचले हिस्से में पानी से भरा टैंक होता है।

  • टैंक के ऊपर कई सतह (लेयर) में छोटे-छोटे गमले लगाए जाते हैं।

  • इन गमलों में सब्जियों एवं अन्य फसलों को लगाया जाता है।

  • सभी गमलों में पम्प के द्वारा टैंक से पानी पहुंचाया जाता है।

वर्टिकल फार्मिंग के फायदे

कम जगह में अधिक पौधों को लगाया जा सकता है।

  • खाली दीवार का अच्छा उपयोग किया जा सकता है।

  • खेत की जुताई में लगने वाले समय एवं श्रम में कमी आती है।

  • कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।

  • सिंचाई के समय पानी की बचत होती है।

  • फल एवं सब्जियां अधिक पौष्टिक होती हैं।

  • घरों में वर्टिकल फार्मिंग करने से गर्मी के मौसम में घर के अंदर तापमान अधिक गर्म नहीं होता।

  • हवा में नमी बनी रहती है।

  • प्रदूषण में कमी आती है।

क्या आपने कभी वर्टिकल फार्मिंग किया है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के द्वारा बनाएं। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर सम्पर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।

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