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वित्त वर्ष 2021 के बजट में किसानों के लिए बड़ा ऐलान

वित्त वर्ष 2021 के बजट में किसानों के लिए बड़ा ऐलान

वित्त वर्ष 2021-22 कृषि बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से काम कर रही है। किसानों को हर क्षेत्र में मदद दी गई है। गेहूं, दाल, धान के साथ अन्य फसलों की भी एमएसपी बढ़ाई गई है। अब किसानों को सभी कमोडिटी पर लागत से 1.5 गुना अधिक एमएसपी दिया जाएगा।

वर्ष 2021 में एमएसपी के लिए 75,100 करोड़ रुपए आवंटित किया गया है। बजट भाषण में यह भी ऐलान किया गया कि एमएसपी को एग्री इंफ्रा फंड के दायरे में लाया जाएगा। देश में पांच बड़े फिशिंग हार्बर को आर्थिक गतिविधि के हब के रूप में तैयार किया जाएगा और तमिलनाडु में फिश लैंडिंग सेंटर का विकास किया जाएगा।

वर्ष 2021-22 बजट में कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ का ऐलान किया गया है। साथ ही कृषि जमीन स्वामित्व योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा। बजट में किए गए ऐलानों में ऑपरेशन ग्रीन स्कीम भी शामिल है। इसके तहत किसानों के लाभ के लिए जल्द खराब होने वाले 22 अन्य कृषि उत्पादों को शामिल किया जाएगा।

बात करें एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर सेस कि तो काबुली चने पर 30 प्रतिशत, मटर पर 50 प्रतिशत, मसूर की दाल पर 5 प्रतिशत और रूई पर 5 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। हालांकि इस पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी कम कर दी गई है।

वित्त मंत्री ने बताया कि गेहूं के लिए किसानों को 75,060 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। गेहूं की खेती करने वाले 43.36 लाख किसानों को एमएसपी के तहत सरकारी खरीद से लाभ हुआ है। दालों के लिए 10,503 करोड़ का भुगतान किया गया है। धान की भुगतान राशि 1,72,752 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

बजट में किसानों को मिलने वाली कुछ अन्य सौगातें :

  • वर्तमान में 1.68 करोड़ किसान ई-नाम से पंजीकृत हैं, इनका दायरा बढ़ाया जाएगा और 1,000 अन्य  मंडियां ई-नाम से जोड़ी जाएंगी।

  • ग्रामीण आधारभूत ढांचे के विकास के लिए आवंटन 30,000 करोड़ से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपए किया जा रहा है।

  • पशुपालन, डेयरी और मछली पालन से जुड़े किसानों की आमदनी बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है।

  • सिंचाई की तकनीकों को बढ़ाने के लिए नाबार्ड के तहत 5,000 करोड़ रुपए का माइक्रो इरिगेशन फंड तैयार किया गया है। इस फंड को अब दोगुना किया गया है।

  • मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कोच्चि, चेन्नई, विशाखापट्टनम, पारादीप और पेटुआघाट को मत्स्य बंदरगाह के रूप में विकसित किया जाएगा।

  • पश्चिम बंगाल के चाय बागान के मजदूरों के लिए 1,000 करोड़ रुपए आवंटन का ऐलान किया गया है।

हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को लाइक करें एवं इसे अन्य किसानों के साथ साझा भी करें। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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