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डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
3 year
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विभिन्न‌ ‌फसलों‌ ‌में‌ ‌बोरान‌ ‌तत्व‌ ‌की‌ ‌कमी‌ ‌के‌ ‌लक्षण‌

विभिन्न‌ ‌फसलों‌ ‌में‌ ‌बोरान‌ ‌तत्व‌ ‌की‌ ‌कमी‌ ‌के‌ ‌लक्षण‌

पौधों को कई मुख्य एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यदि पौधों को सही समय पर उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिले तो पौधों में पोषक तत्वों की कमी के लक्षण नजर आने लगते हैं। फसलों के लिए आवश्यक विभिन्न पोषक तत्वों में से एक है बोरान। पौधों एवं विभिन्न फसलों में बोरान से होने वाले लाभ, कमी के लक्षण एवं आपूर्ति की तरीके यहां से देखें।

बोरान से होने वाले लाभ

  • बोरान फलों को फटने से बचाता है।

  • यह पौधों में जल शोषण की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है।

  • यह परागण एवं प्रजनन क्रियाओं में सहायक है।

  • बोरान पौधों में कैल्शियम एवं पोटैशियम के अनुपात को नियंत्रित करने में सहायक है।

  • इसके प्रयोग से दलहनी फसलों की जड़ ग्रंथियों का विकास सुचारु रूप से होता है।

क्या है बोरान की कमी के लक्षण?

  • बोरोन की कमी से पत्तियां मोटी हो कर मुड़ने लगती हैं।

  • फलों के फटने की समस्या होती है।

  • पौधों के विकास में बाधा आती है।

  • पौधे की जड़ें विकृत रूप से होने के कारण पौधे झाड़ीनुमा हो जाते हैं।

  • पौधों के तने और पत्तियों के डंठल पर दरारें नजर आने लगती हैं।

  • पौधों में कलियां, फूल, एवं फल कम निकलते हैं।

कैसे करें बोरान की आपूर्ति?

  • पौधों में बोरान की कमी की पूर्ति के लिए बोरेक्स का छिड़काव करें।

  • प्रति लीटर पानी में 1 ग्राम बोरान मिला कर छिड़काव करें।

  • बुवाई से पहले मिट्टी में उचित मात्रा में बोरान मिला कर जुताई करें।

  • छिड़काव विधि एवं ड्रिप विधि के माध्यम से भी इसकी पूर्ति की जा सकती है।

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