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टमाटर
डॉ. प्रमोद मुरारी
कृषि विशेषयज्ञ
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उकठा रोग से सूख रही है टमाटर की फसल जाने कैसे करें नियंत्रण

उकठा रोग से सूख रही है टमाटर की फसल जाने कैसे करें नियंत्रण

टमाटर की गुणवत्ता और बाजारी कीमत मुख्यतः फलों की बाहरी चमकदार परत के आधार पर तय की जाती है। जिसकी गिरावट में बैक्टीरियल विल्ट जैसे रोगों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। बैक्टीरियल विल्ट रोग को सामान्य भाषा में उकठा रोग के नाम से भी जाना जाता है। रोग का संक्रमण बहते पानी एवं संक्रमित मिट्टी के माध्यम से पूरे खेत में फैलता है और बेहद ही कम समय में पौधों को संक्रमित कर उन्हें सुखाने का काम करता है। रोग की पहचान और रोकथाम में देरी फसल में नुकसान का एक बड़ा कारण बन सकती है। जिससे बचने के लिए किसानों को रोग के लक्षण और नियंत्रण से जुड़ी जानकारी का होना आवश्यक है।

रोग के लक्षण

संक्रमण के शुरुआती अवस्था में पौधे के निचले पत्ते सूख कर मुरझाने लगते है एवं अधिक संक्रमण होने पर पूरा पौधा पूर्ण रूप से सूख कर मुरझा जाता है। यह संक्रमण तेजी से एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलता है एवं टमाटर पूरी तरह से पकने से पहले ही सूख कर गिर जाते हैं।

रोग के नियंत्रण

  • यह एक मृदा जनित रोग है इसलिए लगभग 3 सालों तक टमाटर, मिर्च, बैंगन,आलू, सूरजमुखी इत्यादी जल्दी संक्रमित होने वाली फसलें न लगाए अथवा फसल चक्र अपनाये।

  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।

  • बीज की बुवाई से पहले प्रति लीटर पानी की दर से 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम 50% या 3 लीटर पानी में 1 ग्राम कासुगामाइसिन का प्रयोग प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करने के लिए करें।

  • संक्रमित पौधों को खेत से निकालकर नष्ट कर  दें।

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