उड़द एक प्रमुख दलहनी फसल है। इसकी खेती प्राचीन समय से की जा रही है। उड़द की फसल कम समय में पककर तैयार हो जाती है। मैदानी भागों में उड़द की खेती मुख्य रूप से खरीफ सीजन में की जाती है। यह स्वाथ्य के लिए बहुत उपयोगी है। इससे कई तरह के व्यंजन बनते हैं। इसकी खेती से मिट्टी को खाद मिलती है, जो मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाती है। उड़द की खेती के लिए सही समय पर सही खाद की जानकारी होना आवश्यक है। इसके आभाव में खेती के उत्पादन पर असर पड़ता है। तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को उड़द की फसल में फल-फूल की मात्रा बढ़ाने के लिए उर्वरक एवं मात्रा की जानकरी देंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
उड़द की फसल में फल फूल की मात्रा बढ़ाने के लिए उर्वरक प्रबंधन
बिजाई के समय नाइट्रोजन 5 किलोग्राम (11 किलोग्राम यूरिया), फासफोरस 10 किलोग्राम (60 किलोग्राम सिंगल सुपर फासफेट) की मात्रा प्रति एकड़ में डालें।
बुवाई के समय खाद को कतारों में बीज के ठीक नीचे डालें।
उड़द में गंधक युक्त उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट, अमोनियम सल्फेट, जिप्सम आदि का उपयोग करें।
गंधक की कमी वाले क्षेत्र में 8 किलोग्राम गंधक को प्रति एकड़ गंधक युक्त उर्वरको के माध्यम से दें।
उड़द की खेती में अंतिम जुताई के समय प्रति एकड़ नाइट्रोजन 8 से 10 किलोग्राम तथा फास्फोरस 16 से 18 किलोग्राम डालें।
नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की पूर्ति करने के लिए 100 किलोग्राम डीएपी खाद डालें।
बायो एनर्जी की एक मिलीलीटर दवा को प्रति लीटर पानी के दर से मिलाकर फसल पर छिड़कें।
दूसरा छिड़काव सात दिन बाद करें।
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आशा है कि यह जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और उड़द की खेती में खाद की जानकारी लें, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। इससे संबंधित यदि आपके कोई सवाल हैं तो आप हमसे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं। कृषि संबंधी अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए जुड़े रहें देहात से।
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