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उड़द की खेती में फली छेदक कीट का प्रकोप एवं नियंत्रण के उचित उपाय
उड़द की खेती में फली छेदक कीट का प्रकोप एवं नियंत्रण के उचित उपाय
परिचय :
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उड़द एक प्रमुख दलहनी फसल है। इसकी फसल में बहुत से हानिकारक कीटों का प्रकोप देखने को मिलता है।
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इनमें से एक कीट है - फली छेदक। इसकी एक सूंडी अपने जीवन काल में 30 से 40 फलियों को खा जाती है। इससे फसल के उत्पादन पर प्रभाव पड़ता है।
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आज इस आर्टिकल के माध्यम से किसानों को उड़द की खेती में फली छेदक कीट पर नियंत्रण के उपाय बताएंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
फली छेदक कीट के लक्षण क्या है ?
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फली छेदक कीट मुलायम पत्तियों, फलों, फूलों एवं फलियों को खाते हैं।
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यह कीट मुख्यत: जब फलियों में दाना बनना शुरू होता है तब फलियों के अंदर प्रवेश कर नुकसान पहुंचाना शुरू करता है।
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एक फली छेदक कीट अपने जीवन काल में 30-40 फलियों को खा जाता है।
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इस कीट के प्रकोप से फलियों में दाने नहीं बनते हैं।
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कीट प्रभावित फलियों में छोटे-छोटे छेद दिखलाई पड़ते है।
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अधिक प्रकोप होने पर पौधे और पत्तियां सूख जाती हैं।
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पौधों का विकास रुक जाता है।
फली छेदक कीट पर नियंत्रण कैसे करें ?
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बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें, जिससे मिट्टी में उपस्थित कीट खत्म हो जाएं।
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उचित मात्रा में खाद का प्रयोग करें।
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कीट या रोग प्रतिरोधी किस्मों की खेती करें।
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कीट से बचाव के लिए प्रति एकड़ खेत में 5-6 पीली स्टिकी ट्रैप लगाएं।
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इस पर नियंत्रण करने के लिए 1 से 2 प्रतिशत नीम के तेल का छिड़काव करें।
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फसल में 50 मिलीलीटर देहात हॉक को 150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें।
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इसके अलावा एंडोसल्फान 10 मिलीलीटर को 10 लीटर पानी में या क्विनालफॉस 12 मिलीलीटर को 10 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से खेत में छिड़कें।
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प्रति एकड़ खेत में 200 मिलीलीटर इंडोएक्साकार्ब 14.5 एस सी या 800 ग्राम एसीफेट 75 एस पी या 60 मिलीलीटर स्पिनोसैड 45 एस सी का छिड़काव करें।
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15 दिनों के अंतराल पर दोबारा छिड़काव करें।
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फसल में हल्की सिंचाई करें।
फली छेदक कीट को कैसे पहचानें ?
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फली छेदक कीट आकार में छोटा होता है।
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इसकी सुंडियों का रंग पीला, गुलाबी, संतरी, मैटमैला तथा भूरा रंग का होता है।
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यह कीट आमतौर पर पौधे की टहनियों, शाखाओं, छाल एवं फलों पर झुंड बनाकर रहते हैं।
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