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उड़द : इस तरह करें उर्वरकों का प्रयोग होगी भरपूर पैदावार
उड़द : इस तरह करें उर्वरकों का प्रयोग होगी भरपूर पैदावार
उड़द एक प्रमुख दलहनी फसल है। उड़द की दाल में 25 से 27 प्रतिशत प्रोटीन पाया जाता है। इसकी खेती मुख्यत: महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, बिहार तथा मध्य प्रदेश में की जाती है। इसकी खेती खरीफ और रबी दोनों ऋतु में की जाती है। इसकी खेती से मिट्टी को खाद मिलती है, जो मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाती है। उड़द की खेती के लिए सही समय पर खाद की जानकारी होना आवश्यक है। इसके आभाव में खेती के उत्पादन पर असर पड़ता है। तो आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम किसानों को उड़द की फसल में देने वाले एनपीके का चुनाव एवं मात्रा की जानकरी देंगे। जानने के लिए पढ़िए यह आर्टिकल।
उड़द की फसल में उर्वरक प्रबंधन
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बिजाई के समय नाइट्रोजन 5 किलोग्राम (11 किलोग्राम यूरिया), फासफोरस 10 किलोग्राम (60 किलोग्राम सिंगल सुपर फासफेट) की मात्रा प्रति एकड़ में डालें।
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बुवाई के समय खाद को कतारों में बीज के ठीक नीचे डालें।
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उड़द में गंधक युक्त उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट, अमोनियम सल्फेट, जिप्सम आदि का उपयोग करें।
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गंधक की कमी वाले क्षेत्र में 8 किलोग्राम गंधक को प्रति एकड़ गंधक युक्त उर्वरको के माध्यम से दें।
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उड़द की खेती में अंतिम जुताई के समय प्रति एकड़ नाइट्रोजन 8 से 10 किलोग्राम तथा फास्फोरस 16 से 18 किलोग्राम डालें।
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नाइट्रोजन तथा फास्फोरस की पूर्ति करने के लिए 100 किलोग्राम डीएपी खाद डालें।
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