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ट्रैप क्रॉप : मुख्य फसल को कीटों से बचाने का आसान तरीका
ट्रैप क्रॉप : मुख्य फसल को कीटों से बचाने का आसान तरीका
फसलों में कीटों का प्रकोप होना आम समस्या है। इस समस्या पर नियंत्रण के लिए ज्यादातर किसान कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कीटनाशकों का छिड़काव किए बिना भी फसलों को कीटों के प्रकोप से बचाया जा सकता है? जी हां, सही पढ़ा आपने। ट्रैप क्रॉप तकनीक के द्वारा हम मुख्य फसलों को विभिन्न कीटों से आसानी से बचा सकते हैं। आइए इस विषय में विस्तार से जानकारी प्राप्त करें।
क्या है ट्रैप क्रॉप?
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ट्रैप क्रॉप ऐसी फसल है जिसे हम मुख्य फसलों के चारो तरफ या कुछ कतारों के बाद लगते हैं। इससे मुख्य फसल में कीटों का प्रकोप कम हो जाता है और हम बिना हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल किए कीटों पर आसानी से नियंत्रण कर सकते हैं।
ट्रैप क्रॉप कब लगाना चाहिए?
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मुख्य फसल को लगाने से करीब 10 से 15 दिनों पहले ट्रैप क्रॉप फसलों को लगाना चाहिए।
विभिन्न फसलों के लिए ट्रैप क्रॉप
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मक्के की फसल को कीटों से बचाने के लिए फसल के चारो तरफ नेपियर घास लगाएं।
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गोभी की फसल के चरों तरफ सरसों को ट्रैप क्रॉप की तरह लगा सकते हैं।
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कपास की फसल के चारो तरफ या हर 5 कतारों के बाद 1 कतार में ट्रैप क्रॉप के तैर पर भिंडी या चना लगा सकते हैं।
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बैंगन में फल एवं तना छेदक कीट पर नियंत्रण के लिए हर 10 कतारों के बाद 1 कतार गेंदा की लगाएं।
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बैंगन, टमाटर एवं मिर्च की फसल में कीटों पर नियंत्रण के लिए 15 कतारों के बाद 1 कतार मक्का लगाएं।
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पत्ता गोभी को कीटों से बचाने के लिए मूली एवं सरसों को ट्रैप क्रॉप की तरह लगा सकते हैं।
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